घर

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tc sawan

ईंटों,पत्थरों से,
बनाना चाहा था,
घर;
तोड़कर,
विश्वास
स्नेह,
और हृदय
अपनों का।
स्वयं बनाईं दीवारें
मगर,
गला घोंटने लगीं;
जब निगाहें
उनके साथ को,
तरसने लगींl
आज मालूम हुआ,
कि घर,
बेजान ईंटों से नहीं;
प्यार व अपनेपन से
बनता है। 

                                                                                            #टी.सी.’सावन’

परिचय : टी.सी.’सावन’ का साहित्यिक उपनाम-सावन हैl आपकी जन्मतिथि-२१ मई १९७९ तथा जन्म स्थान-चम्बा (हिमाचल प्रदेश) हैl आपका स्थाई निवास चम्बा जिले के ही गाँव-खमुहीं में हैl बीटीएस,एमटीएम(पर्यटन प्रबंधन) सहित संचार कौशल और संगणक में आपके पास प्रमाण-पत्र की शिक्षा हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन,प्रबंधन और फिल्म निर्माण (निर्देशन)हैl सामाजिक क्षेत्र में आपकी भूमिका कवि-लेखक-शिक्षाविद-संगीतज्ञ-चित्रकार के रूप में हैl कविता,क्षणिका,ताँका,हाइकु,ग़ज़ल सहित गीत,भजन, मुक्तक,लेख,लघुकथा तथा कहानी आप लिखते हैंl प्रकाशन की बात करें तो देश-विदेश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन सहित ४ बार विदेशी प्रकाशनों से पुरस्कृत व प्रकाशित हैंl सम्मान में आपके खाते में अंग्रेजी के लिए ४ अंतर्राष्ट्रीय सम्मान सहित विश्व के १०० श्रेष्ठ लेखकों में शामिल,निबंध लेखन प्रतियोगिता मेँ प्रथम स्थान आदि हैंl ब्लाॅग पर भी लेखन करते हैंl अन्य उपलब्धि में सांस्कृतिक उत्थान व लोकचेतना हेतु गीत एलबम व वृत्तचित्र फिल्म के निर्माण कार्य में सक्रिय रहना है। आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-सृजनात्मक क्रियाकलापों द्वारा समाजसेवा करना,लेखन को मंनोरंजन का साधन नहीं मानकर सामाजिक चेतना का माध्यम मानते हुए समाज की बुराईयों को दूर करने के लिए वचनबद्ध रहना हैl

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।