रोटी….

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arvind
दुनिया के हर इंसान को,क्या-क्या नाच नचाती है रोटी,
एक सीधे सच्चे इंसान को,कैसे-कैसे हालातों से मिलाती है रोटी।

जितनी आपाधापी है दुनिया में,उसका सीधा कारण है रोटी,
महिलाओं की चिड़चिड़ाहट का भी, सीधा कारण है रोटी।

गर ये रोटी,ये भूख न होती दुनिया में,
तो इंसान की आधी परेशानियां,कम होती दुनिया में।

खाता तो है दो रोटी,और मारा-मारा फिरता है,
पूरे परिवार की खातिर,कितनों की झिड़की सहता है।

कभी-कभी इंसान का आत्म सम्मान भी दांव पर होता है,
फिर भी विपरीत हालातों सेउसे स्मझौता करना पड़ता है।

अगर ईश्वर ने इस रोटी को,भूख की दवा न बनाया होता,
तो आज हर इंसान विकास के,किसी और शिखर पर होता।।

                                                              #अरविंद ताम्रकार ‘सपना’

परिचय : श्रीमति अरविंद ताम्रकार ‘सपना’ की  शिक्षा एमए(हिन्दी साहित्य)है।आपकी रुचि लेखन और छोटे बच्चों को पढ़ाने के साथ ही जरुरतमंद की सामर्थ्यानुसार मदद करने में है।आप अपने रचित भजन खुद गाकर व लेखन द्वारा अपने मनोभावों को चित्रित करती हैं। सिवनी(म.प्र.)के समता नगर में आप रहती हैं।

matruadmin

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