उस मिश्रित आबादी वाले मौहल्ले में किसी संस्था द्धारा महिला सभा
आयोजित हुई। सभा में अमीर-गरीब सभी महिलाओं को आमंत्रित किया गया था। सभा
शुरू होने से पहले एक अमीर महिला ने दिवाली के दिन महंगा बड़ा टीवी
ख़रीदने की बात मौजूद महिलाओं को बताई। सभी ने उसकी बात सुनी, बधाई दी और
मिठाई खिलाने को कहा। अमीर महिला ने अपनी अमीरी का बखान करते हुए सभी को
घर आकर अपने महँगे टी.वी. पर कार्यक्रम देखने और मिठाई खाने आने का
निमंत्रण दिया।
एक गरीब महिला ने एक दूसरी गरीब महिला की ओर संकेत करते हुए जवाब
दिया, ‘‘बहनजी, हम लोग जरूर आयेंगी। इनके पतिदेव का एक बड़ी टी.वी.
प्रतियोगता के लिए सिलेक्शन हुआ है, उसका दीवाली के दिन प्रसारण होगा।
साथ ही मेरे बच्चे का भी डांस प्रतियोगिता में सिलेक्शन हुआ है, उसका भी
प्रसारण उसी दिन होगा। दोनों का अगले दिन पुनः प्रसारण भी होगा। आप कहें
तो हम दिवाली के दिन ही आ जाते हैं, आपको बधाई देने के साथ हम प्रसारण भी
देख लेंगे।’’
‘‘हाँ, हाँ! आप सब जरूर आइए। देखिये तो हमने कितना सुन्दर टी.वी.
खरीदा है। ऐसा टी.वी. मौहल्ले में किसी के पास नहीं होगा।’’
दिवाली वाले दिन सभी महिलाएँ उस अमीर महिला के घर बड़ा और महंगा
टीवी देखने के लिए गई। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, गरीब महिला ख़ुशी और
उत्साह से मानों अमीर बन गई। सब महिलाएँ उसे बधाइयाँ देने और उसके पति की
तारीफ करने लगी। तारीफ व बधाइयों का यह दौर थमा भी नहीं कि बच्चे के डांस
का प्रसारण आरम्भ हो गया।
जहाँ पर टीवी की तारीफ होनी थी, वहाँ पर गरीब महिला के पति व बच्चे
की तारीफ होने लगी। अमीर महिला की मिठाई और गरीब महिलाओं को बधाइयाँ,
दिवाली के दिन यह अनूठा संयोग था।
अमीर महिला के चेहरे से घमंड का रंग उतरता चला गया।
#संजय वर्मा ‘दृष्टि’
परिचय : संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ धार जिले के मनावर(म.प्र.) में रहते हैं और जल संसाधन विभाग में कार्यरत हैं।आपका जन्म उज्जैन में 1962 में हुआ है। आपने आईटीआई की शिक्षा उज्जैन से ली है। आपके प्रकाशन विवरण की बात करें तो प्रकाशन देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन होता है। इनकी प्रकाशित काव्य कृति में ‘दरवाजे पर दस्तक’ के साथ ही ‘खट्टे-मीठे रिश्ते’ उपन्यास है। कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता की है। आपको भारत की ओर से सम्मान-2015 मिला है तो अनेक साहित्यिक संस्थाओं से भी सम्मानित हो चुके हैं। शब्द प्रवाह (उज्जैन), यशधारा (धार), लघुकथा संस्था (जबलपुर) में उप संपादक के रुप में संस्थाओं से सम्बद्धता भी है।आकाशवाणी इंदौर पर काव्य पाठ के साथ ही मनावर में भी काव्य पाठ करते रहे हैं।