उतरता रंग

0 0
Read Time3 Minute, 56 Second

drushti
उस मिश्रित आबादी वाले मौहल्ले में किसी संस्था द्धारा महिला सभा
आयोजित हुई। सभा में अमीर-गरीब सभी महिलाओं को आमंत्रित किया गया था। सभा
शुरू होने से पहले एक अमीर महिला ने दिवाली के दिन महंगा बड़ा टीवी
ख़रीदने की बात मौजूद महिलाओं को बताई। सभी ने उसकी बात सुनी, बधाई दी और
मिठाई खिलाने को कहा। अमीर महिला ने अपनी अमीरी का बखान करते हुए सभी को
घर आकर अपने महँगे टी.वी. पर कार्यक्रम देखने और मिठाई खाने आने का
निमंत्रण दिया।
एक गरीब महिला ने एक दूसरी गरीब महिला की ओर संकेत करते हुए जवाब
दिया, ‘‘बहनजी, हम लोग जरूर आयेंगी। इनके पतिदेव का एक बड़ी टी.वी.
प्रतियोगता के लिए सिलेक्शन हुआ है, उसका दीवाली के दिन प्रसारण होगा।
साथ ही मेरे बच्चे का भी डांस प्रतियोगिता में सिलेक्शन हुआ है, उसका भी
प्रसारण उसी दिन होगा। दोनों का अगले दिन पुनः प्रसारण भी होगा। आप कहें
तो हम दिवाली के दिन ही आ जाते हैं, आपको बधाई देने के साथ हम प्रसारण भी
देख लेंगे।’’
‘‘हाँ, हाँ! आप सब जरूर आइए। देखिये तो हमने कितना सुन्दर टी.वी.
खरीदा है। ऐसा टी.वी. मौहल्ले में किसी के पास नहीं होगा।’’
दिवाली वाले दिन सभी महिलाएँ उस अमीर महिला के घर बड़ा और महंगा
टीवी देखने के लिए गई। जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ, गरीब महिला ख़ुशी और
उत्साह से मानों अमीर बन गई। सब महिलाएँ उसे बधाइयाँ देने और उसके पति की
तारीफ करने लगी। तारीफ व बधाइयों का यह दौर थमा भी नहीं कि बच्चे के डांस
का प्रसारण आरम्भ हो गया।
जहाँ पर टीवी की तारीफ होनी थी, वहाँ पर गरीब महिला के पति व बच्चे
की तारीफ होने लगी। अमीर महिला की मिठाई और गरीब महिलाओं को बधाइयाँ,
दिवाली के दिन यह अनूठा संयोग था।
अमीर महिला के चेहरे से घमंड का रंग उतरता चला गया।

#संजय वर्मा ‘दृष्टि’

परिचय : संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ धार जिले के मनावर(म.प्र.) में रहते हैं और जल संसाधन विभाग में कार्यरत हैं।आपका जन्म उज्जैन में 1962 में हुआ है। आपने आईटीआई की शिक्षा उज्जैन से ली है। आपके प्रकाशन विवरण की बात करें तो प्रकाशन देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन होता है। इनकी प्रकाशित काव्य कृति में ‘दरवाजे पर दस्तक’ के साथ ही ‘खट्टे-मीठे रिश्ते’ उपन्यास है। कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता की है। आपको भारत की ओर से सम्मान-2015 मिला है तो अनेक साहित्यिक संस्थाओं से भी सम्मानित हो चुके हैं। शब्द प्रवाह (उज्जैन), यशधारा (धार), लघुकथा संस्था (जबलपुर) में उप संपादक के रुप में संस्थाओं से सम्बद्धता भी है।आकाशवाणी इंदौर पर काव्य पाठ के साथ ही मनावर में भी काव्य पाठ करते रहे हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

फिल्मो में बढ़ता VFX  का चलन

Tue Dec 11 , 2018
भाग –2……………… *दोस्तो  VFX का हिंदी प्रचलित कोई लब्ज़ नही मिलने और यही लब्ज़ प्रचलित होने के कारण अंग्रेजी भाषा से ले लिया*  दोस्तो VFX का प्रभाव और इस्तेमाल फिल्मो की आनिवार्यता बनते जा रहा है आज पिछली चर्चा को आगे बढ़ाता हूँ, हॉलीवुड तो बेइंतेहा आगे सफर कर रहा […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।