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पाक को जरा,सब सिखाइए।
गीत प्यार के,सरस गाइए॥
शक्तिमान हो,शरण दीजिए।
देश द्रोहि के,करम कीजिए॥
प्राण खींच लो,तब सही रहे।
बाप हो तभी,जब वही कहे॥
धीर देश है,भरत वीर का।
भीष्म पार्थ के,विकल तीर का॥
आँख जो उठे,तुरत नष्ट हो।
मौत से मिलो,अगर भ्रष्ट हो॥
सोच लो अभी,समय दे दिया।
बाद में कहो,मरण क्यों किया॥
#कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’
परिचय : कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ की शिक्षा एमकाम,एमएड सहित साहित्याचार्य भी है। आप पीलीभीत(उ.प्र.) के बीसलपुर में रहते हैं। विधा की बात करें तो,गीत, मुक्तक,छंद,गजल लिखते हैं। कई सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक,साहित्यक एवं धार्मिक संस्थाओं में दायित्व पर हैं। आपके रचित कालसेन चालीसा व सप्तक प्रकाशित हुए हैं तो,कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। साथ ही कवि सम्मेलन व क्षेत्रीय गोष्ठियों में सहभागिता भी करते हैं। कई विद्यालयों व संस्थाओं से सम्मान पत्र मिले हैं।
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Tue Jun 27 , 2017
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