*प्रलोभन*

0 0
Read Time3 Minute, 42 Second

babulal sharma
1.
पालन पोषण पेड़ प्रिय, परम्परा पितभाँति।
पैर *प्रलोभन* पंथ पर, पंछी पथिक पदाति।।
2.
पौरुष पथ पहचान पुरु, पूत पेड़ प्रतिपाल।
*प्रलोभन* प्रतिघात पहल,पातक पड़े पताल।
3.
पल पल प्रण पूरा पड़े, *प्रलोभन* परित्याग।
पान  पताशा  पाहुना, पूजन पेड़  प्रयाग।।
4.
पेड़ पर्वती पर्यटन, पथजलीय पतवार।
परे *प्रलोभन* पातकी, पर्यावरण प्रहार।।
5.
पेड़ परिक्रम पीपली,प्रिय परवरदीगार।
पूत पातकी पंथ पर, *प्रलोभने* परिहार ।।
6.
प्रियतम पत्र पठाईए ,पहले पढ़ परबद्ध।
*प्रलोभन* परित्यागियो, पाले पेड़ प्रसिद्ध।।
7.
प्रेम पत्रिका प्रीति पढ़े, प्रिय प्रसन्नता पास।।
प्रणय *प्रलोभन* प्यार पर,पाएँ पहल प्रकाश।
8.
पौधारोपण  प्रण पले,पाणिग्रहण प्रचार।
पर्यावरण *प्रलोभने*,पायक पथ प्रतिहार।।
9.
परसों पहले  पहर पर,पता परस्पर पाय।
प्रीत *प्रलोभ* प्रयास पर,परिवारिक पर्याय।।
10.
परदेशी  प्रिय  पावना,पेड़ प्रकार पलास।
प्रण *प्रलोभ* पर्यावरण,पा प्रमोद परिहास।।
11.
प्रीत पहल  प्रीतम पगी,परदेशी परनार।
प्रिय *प्रलोभन* प्रसारती,पनिहारी पनहार।।
12.
पुत्री प्रिये परणातहीं, *प्रलोभन* पर प्रसार।
पीहर पौधे  प्रीत पर ,पर्यावरण  पखार।।
13.
पर पीड़ा पर पालना, *प्रलोभ* परोपकार।
पर्यावरण  पखारता, पावन   पारावार।।
14.
पर्वतराजा  पिताश्री, प्राणी  पशु पतिनाथ।।
प्रीत *प्रलोभन* पंथ प्रिय,पारवती पतिसाथ।।
15.
प्रातकाल पय पीजिये, *प्रलोभन* पहलवान।
पर्यावरण  परम्परा  , प्रण  पूरण  परवान।।
16.
पाथल पीथल पातशा,प्रण पाती परिताप।
पत *प्रलोभन* पालना,परिजन प्रीत प्रताप ।।
17.
पर्यावरणी पर्यटन,परिकल्पित परिणाम।
पार पयोधि परिभ्रमण, *प्रलोभने* परधाम।।
18.
प्रभासपट्टन पर पड़ा, पाला पूँजी पार।
*प्रलोभने* प्रतिघातिया ,पर्यावरण प्रहार।।
19.
प्राण प्रतिष्ठा  पद प्रथा, पाले पालनहार।
प्रीत *प्रलोभन* पालते,पुरुषोत्तम परिवार।।
20.
परनारी परधन पगे, पातक  पूत  प्रजाति।
पंथ *प्रलोभन* पातकी ,प्राण पतन परजाति।

नाम- बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

*राष्ट्र*   

Mon Aug 13 , 2018
         एक निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर रहनेवाले एक जन-समूह को ही तो हम राष्ट्र कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है और वह समूह आम तौर पर धर्म, इतिहास, नैतिक आचारों या विचारों, मूल्यों आदि में एक समान दृढ़ता रखता है । इसे और भी साफ […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।