. .                   *1*  वल्लभ भाई  थे यहाँ, भारत के सरदार। एकीकरणक  देश  के, बना दई सरकार। बना  दई  सरकार, मिटा  देशी  रजवाड़े। भारत  के  हर कोन, तिरंगे  झण्डे गाड़े। कहे लाल कविराय,देश  से प्रीत निभाई। भारत माँ का  पूत,सरदार वल्लभ भाई। .                     *2*  आजादी  के  दौर  में, नेता   हुए  हजार। वल्लभ ,नेहरु  […]

1. पून्यू  भादौ मास में, राखी को त्यवहार। भाई को रक्षा बचन,बहना को अतबार।। 2. बिषनू पत्नी लिच्छमी ,कहि नारदमुनि साय। बलि को राखी भेजकर,बिष्नु को संग लाय।। 3. रीत  सनातन सूँ चली, भाइ- बहन रो प्यार। सांसारिक की रीत छै, परिवारिक व्यवहार।। 4. सरवण  पूजन भी हुवै, राखी रै […]

कृष्ण कुल से कहते येदु , मान सुगन्ध केवरा जैसी। कृष्णभजन में दीवानी है, भाव भक्ति है मीरा जैसी। जीवन सुरभित चंदन जैसा, मैना  कोयल  जैसा स्वर है। वर्ण सुवर्ण,भाव  भी  उत्तम, मीन से अक्षि सौम्य सुघर है। पच्चीस अगस्त जन्म दिवस, राखी से  पहले ही जन्मी है। लगता जैसे […]

.                ध्रुवकवि,कवि कुल भूषण, देश हितों  में वह युग पुरुष, तब आना बहुत जरूरी था, वह महानायक विश्व पटल, दैव हितों में वह महा पुरुष, फिर जाना और जरूरी था। हे जन नायक  राष्ट्रपूत प्रिय, इस पावन भारतभू आँचल। कोटि  कोटि जन  मन  हित, जैसे अडिग  महा हिमाचल। राष्ट्र एकता  […]

1.. आजादी के मायने,नहीं स्वच्छंदता शोध। कर्तव्यों का भार है, अधिकारों का बोध।। 2.. मन मानी मानो मती,  स्वतंत्रता  के भाव। जिम्मेदारी बहुत है,करिए सहज स्वभाव।। 3.. भोजन पोषण वस्त्र तो, मिले भवन के संग। शिक्षा सेहत चिकित्सा, हर सामाजिक अंग।। 4.. आजादी  मानो  तभी, हो  नारी  का  मान। शिक्षित […]

ढूंढाड़ी भाषा :– वतन पै शहीद हुया भाई की मूरत पर उणरी बहण राखी बांधण आवै जद रो दरस:– *कुण्डलिया-छंद* .              *  .                   *1*  फौजाँ मै भरती  हुयो, धरा पूत को पूत। सीमा पै  रक्षा  करै, भारत   वीर  सपूत। भारत वीर  सपूत ,बहन राखी  बुलवाई। मै राखी घर आउँ,बहन यादाँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।