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कहती शाम
करो आराम ,
दिन भर करते
काम ही काम ।
अब चलो तुम
अपने धाम ,
जहाँ तुम्हारा
प्यारा नाम ।
बहन बेटी
दुआ मनाती
प्रिया प्रेम की
करती छाँव ।
अनुज श्याम
कहे बलराम
मातु पिता के
तुम हो राम ।
राह निहारे
सभी तुम्हारी
अब चलो तुम
अपने धाम ।
कहती शाम
करो आराम
दिन भर करते
काम ही काम ।
#डॉ रीता सिंह
परिचय –
डॉ रीता (असि. प्रोफेसर )
राजनीति विज्ञान विभाग
एन के बी एम जी ( पी. जी.) कॉलेज ,
चन्दौसी (सम्भल) , उत्तर प्रदेश
साहित्यिक परिचय –
‘अन्तर्वेदना ‘ नाम से एक काव्य संग्रह प्रकाशित ।
साहित्य अमृत , कादम्बिनी , मुक्ता , सरिता , हस्ताक्षर वेब पत्रिका , प्रेरणा अंशु आदि पत्रिकाओं , विभिन्न समाचार पत्रों , शोध पत्रिकाओं आदि में काव्य रचनाओं , आलेखों व शोध पत्रों का प्रकाशन ।
वर्तमान सृजन , अखिल भारतीय आध्यात्मिक साहित्यिक काव्यधारा , काव्यामृत , शुभमस्तु , प्यारी बेटियाँ , धामपुर के कवि एवं साहित्यकार आदि साझा काव्य संग्रहों में काव्य रचनाओं का प्रकाशन ।
नवोदित साहित्यकार मंच , कवितालोक व आगाज़ आदि विभिन्न साहित्यिक मंच द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान से सम्मानित , अखिल भारतीय आध्यात्मिक साहित्यिक संस्था काव्यधारा व विभिन्न साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा ‘ काव्य प्रज्ञा ‘ व ‘ साहित्य मनीषी , साहित्य सृजक ‘ आदि ‘सम्मान से सम्मानित , अक्षर प्रकाशन आदि द्वारा सम्मानित ।
पता – नई दिल्ली
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Wed Jun 13 , 2018
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