शौर्य

0 0
Read Time2 Minute, 37 Second

pradeepmani
शौर्य है वह जो लगा दे आग पानी में,
शौर्य पागल भी करे चढ़ती जवानी में।

सरफ़रोशी भी जगा दे कातिलों खातिर,
शौर्य चूमें आसमाँ नादाँ जवानी में।

शौर्य की पहचान है वो आग से.खेले,
शौर्य देता मोड़ है जीवन कहानी में।

शौर्य तूफानी हवा जो मोड़ देता रुख,
शौर्य से ही शोहरत है जिंदगानी में।

शौर्य के आवेग से दरिया भी हिल जाए,
शौर्य वो जो खौफ ला दे आग पानी में।

शौर्य है ये बंदगी सब को हिला दे वो,
शौर्य ‘ध्रुव’ ज़ाबाँज़ यारों की जुबानी में।

                                                      #प्रदीपमणि तिवारी ‘ध्रुवभोपाली’
परिचय: भोपाल निवासी प्रदीपमणि तिवारी लेखन क्षेत्र में ‘ध्रुवभोपाली’ के नाम से पहचाने जाते हैं। वैसे आप मूल निवासी-चुरहट(जिला सीधी,म.प्र.) के हैं,पर वर्तमान में कोलार सिंचाई कालोनी,लिंक रोड क्र.3 पर बसे हुए हैं।आपकी शिक्षा कला स्नातक है तथा आजीविका के तौर पर मध्यप्रदेश राज्य मंत्रालय(सचिवालय) में कार्यरत हैं। गद्य व पद्य में समान अधिकार से लेखन दक्षता है तो अनेक पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित होते हैं। साथ ही आकाशवाणी/दूरदर्शन के अनुबंधित कलाकार हैं,तथा रचनाओं का नियमित प्रसारण होता है। अब तक चार पुस्तकें जयपुर से प्रकाशित(आदिवासी सभ्यता पर एक,बाल साहित्य/(अध्ययन व परीक्षा पर तीन) हो गई है।  यात्रा एवं सम्मान देखें तो,अनेक साहित्यिक यात्रा देश भर में की हैं।विभिन्न अंतरराज्यीय संस्थाओं ने आपको सम्मानित किया है। इसके अतिरिक्त इंडो नेपाल साहित्यकार सम्मेलन खटीमा में भागीदारी,दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भी भागीदारी की है। आप मध्यप्रदेश में कई साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।साहित्य-कला के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा अभिनंदन किया गया है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सपने पापा के

Mon Aug 21 , 2017
उस पैदा हुई बच्ची को अपाहिज देख डॉक्टर की भी आंखों में आंसू आ गए। उनकी आंखों में आंसू आना लाजमी था,क्योंकि बच्चे को जन्म देने वाली उसकी मां जिंदा नहीं थी, और जो अभी-अभी इस धरती पर जन्मी है वह अपाहिज है। ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा उसका पति […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।