कविता का पहले हुआ,जन्म,सुनो श्रीमान। तब संस्कृत में हैं बने,मात्रा, छंद, विधान॥ मात्रा, छंद, विधान,बात भाषा की आई। संस्कृत सबकी मात,रीत हिन्दी अपनाई॥ सुनो सखा ‘उत्कर्ष’,काव्य पथ की यह भविता। हिन्दी कहती आप,बाद प्रगटी तब कविता॥ […]
utkarsh
रहमान संग में यहाँ,ईसा, नानक, राम। वीरों की जननी यही,भारत इसका नाम।। विश्व पटल पर छाया न्यारा। प्यारा भारत देश हमारा।। राणा, पन्ना,भामा,मीरा। यहीं हुए रसखान,कबीरा।। चरक,हलायुध,अब्दुल,भाभा। विश्व पटल की थे यह आभा।। जन्मे गीत, ग़ज़ल,कव्वाली। भारत की छवि लगती आली।। क्रिसमस, ईद,लोहड़ी,होली। पावनता पर्वों ने घोली।। अलग-थलग हैं भाषा […]