मेरा देश मेरा भारत

1
0 0
Read Time1 Minute, 29 Second

naveen utkarsh

रहमान  संग  में  यहाँ,ईसा,  नानक, राम।
वीरों  की जननी यही,भारत इसका नाम।।

विश्व पटल पर छाया न्यारा।
प्यारा  भारत देश हमारा।।

राणा, पन्ना,भामा,मीरा।
यहीं हुए रसखान,कबीरा।।

चरक,हलायुध,अब्दुल,भाभा।
विश्व पटल की थे यह आभा।।

जन्मे गीत, ग़ज़ल,कव्वाली।
भारत की छवि लगती आली।।

क्रिसमस, ईद,लोहड़ी,होली।
पावनता पर्वों   ने  घोली।।

अलग-थलग हैं भाषा बोली।
पर माटी  माथे   की रोली।।

इस  माटी  का  लोहा  माना।
जगत गुरु यह सबने जाना।।

मानवता  संग  रहे   वास्ता।
सब धर्मों में अपनी आस्था।।

सावन  का  मल्हार  सुहाना।
कोयल नित्य सुनाए गाना।।

भर मन मोद मोर नित नाचे।
नदियाँ, नाले भरें  कुलाँचे।।

चहुँ दिश ही फैली हरियाली।
इत  झूमें बरखा  मतवाली।।

परियों  वाली  प्रेम  कहानी।
यहाँ सुनाती दादी, नानी।।

कहता  हलधर  बहा  पसीना।
श्रम के बल पर हमको जीना।।

नीति, रीति  हमने  सिखलाई।
सही राह जग को  दिखलाई।।

चाँद-सितारे हम बिन फीके।
आवभगत हमसे सब सीखें।।

भाषा-बोली है अलग,खान-पान अरु वेश।
सब धर्मों से है बना,मेरा भारत देश।।

                #नवीन श्रोत्रिय ‘उत्कर्ष’

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “मेरा देश मेरा भारत

  1. आपका यह कविता बेहद ही स्नेह प्रिये लगा,,,,,
    उम्मीद करता हूँ ,
    आपके द्वरा,, आगे भी मनभावन रचनाएँ पढ़ने को मिलेगी,,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

एक माँ की दूजी माँ ने सुन ली पुकार....

Thu Apr 6 , 2017
हे मेरे जगत कल्याण से भरी हुई अंतरात्मा और भावी सिद्ध परमात्मा…मेरे आराध्य गुरुदेव। तुम्हें आज तक कितनी माँ ने पुकार लगाई और तुमने भी माँ की भाँति ही उन सब पर स्नेह की थपकी देकर उन्हें आत्मकल्याण की ओर सन्मुख कर दिया। कभी तुम्हें पुकार लगाई हम मनुष्यों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।