जिसने ठुकराया माँ को वो बदनसीब हो गया कदमो को चूमा जिसने वो जन्नत के करीब हो गय| माँ माँ है सब कुछ जो वार दे अपनी संतान पे जिसकी भी माँ है समझो वो खुशनसीब हो गया- माँ है खुदा इबादत मन्दिर और मस्जिदे जिसने भी किया सर सजदा […]

कर रही है आत्महत्या,  राह चलती छेड़खानी अब कहाँ है चिर सुरक्षित,  अस्मिता की रातरानी।    आचरण के आनयन ही,  कुछ अनैतिक हो गए हैं खो चुके आदर्श संयम,  शिव नरोत्तम सो गए हैं है न कोई घर अछूता,  हुई चर्चित चौमुहानी।    अब नई दिल्ली सशंकित,  डर रही है […]

राम का वनवास, सीता का हरण आज रावण कर रहा है, निडर सड़कों पर भ्रमण। बस चुकी है कुछ घरों में, लछमिनी की संपदा अवगुणों के संग सोती, पक्ष की हर प्रतिपदा। सूर्य-चंदा की तरह अब, इस धरा पर है ग्रहण॥ शब्द की बंदूक में है, कारतूसों की कमी कथ्य […]

निकला सूर्य बिखेरी किरणें भोर उठ गया, फिर भी बेंच पड़ी है खाली। हरी दूब के गलियारे में खेल रही है धूप कबड्डी, क्यारी में गुलमोहर खिलता खोल रहा कलियों की गड्डी। पेड़ों की पुलुई पर चौसर, खेल रही है पासा फेंक सुनहरी लाली। लगता तो है कुछ-कुछ ऐसा हवा […]

उनसे जीत हो नफरत में तो हार मोहब्बत में अच्छा, बेगानेपन के भावों से संसार मोहब्बत में अच्छा। चाहा है उनको लेकिन सम्मान,आन और मान भी है, झुक जाए बेवजह ये सर तकरार मोहब्बत में अच्छा। कद्र तेरे जज्बातों की है, पर क्या मेरे भाव नहीं हैं। चुप रहने से […]

वेदनाओं में मधुर मुस्कान लिखता हूँ, नफरतों में प्रेम का मैं गान लिखता हूँ। ऐ मेरे खाक-ए-वतन तू रुह है और जान मेरी, शौर्य गाथा में तेरे मैं जमीं आसमान लिखता हूँ। भाव विश्व वन्धुत्व का है दिल-ए-जर्रो में तेरे, सत्य,अहिंसा,प्रेम,दया का मैं आन लिखता हूँ। है ‘शिवम्’ ख्वाहिश मेरी,हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।