दिल की है , बात जो ये , इसको दिल में , रहने दो। होंठ खामोश रहें , दिल को दिल से , कहने दो। दिल की है , बात जो ये , इसको दिल में , रहने दो।। डूबती कश्ती का , डूबता , मांँझी हूँ मै। डूबता सूरज […]
आज मैं महिला दिवस पर कुछ लिखना चाह रही हूँ ।आज वर्तमान में महिलाएं सभी कलाओं में परिपूर्ण हो रही हैं ।चाहे लडाई का, मुक्केबाजी, या पहलवानी का हर एक मुकाम हासिल कर रही हैं ।हाल ही में मेरी काॅम नाम की महिला ने 6 गोल्ड मेडल मुक्केबाजी में हासिल […]
भारत के राष्ट्रपति एम वेंकेया नायडू ने अभी दो माह पूर्व दिल्ली स्थित आर. के. पुरम में आन्ध्रप्रदेश एजुकेशन सोसायटी के स्थापना दिवस पर नए भवन का शिलान्यास किया था तब उन्होंने स्कूलों में मातृभाषा को एक अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ायें जाने की सलाह सभी राज्यों को दी […]
जीवन में सामान्य सफलता के लिए समान्यत: बौद्धिक क्षमता को ही सर्वोतम योग्यता स्वीकार किया जाता है और भावनात्मक संतुलन के गुण की अनदेखी की जाती है, लेकिन आजकल के जटिलतम समाज में किसी भी क्षेत्र की सफलता के लिए अधिक सारगर्भित भूमिका भावनात्मक संतुलन की ही अधिक है| भावनात्मक […]
धार नहीं संगम हो जाते, चोट नहीं मरहम हो जाते। बन जाती अपनी भी कहानी, तुम जो मेरे हमदम हो जाते। दे देता मैं जान खुशी से, यदि मेरे जानम हो जाते। हाथ पकड़ लेते जो मेरा, तो काँटे कुछ कम हो जाते। तोड़ते न दिल,दिल से लगा के, चूर […]
हर मौसम का आनंद लेता सुविधा सम्पन्न, साधनहीन गरीब का निकल जाता है दम। ग्रीष्मकाल के लुलपट ने प्राण पखेरू उड़ा लिया, भारी वर्षा में इनके शिशु नाले में बहते देखा गया। जब आई शीत ऋतु तो निमोनिया ने निगल लिया। धनी व्यक्ति के घर में एसी मशीन जो लगी […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।