प्यार में आँसू बहाना छोड़ दे, साथ के सपने सजाना छोड़ दे। मैं कहूँगा हाँ मगर तुम ना कहो, हाँ-नहीं में हाँ जताना छोड़ दे।। बेवजह की बात जिससे बढ़ रही, उन सवालों को उठाना छोड़ दे।। बीत जायेगा समय ये भी सुनो!, बात को दिल पै लगाना छोड़ दे।। […]

*आर्त स्वर नेपथ्य में* *वेदना भरपूर है!* रोज बढ़ती सड़क जैसी, खुदी-उखड़ी भूख को, तक रहे सब धरा बनकर, प्राण! मन के मूक हो! कण्ठ में आकर धँसी पर, पास होकर दूर है! वाचाल! चालें भयंकर, उलझ जाते सरल मन! जाल के दाने उठा, खग! फँस रहे हैं रात-दिन। दीनता […]

आकण्ठ तक डूबा हूँ, प्रेम लौ से मैं जला हूँ, श्वास के आवर्तनों की, धीरता से मैं छला हूँ । अश्रुओं की सिंचना ने, धो दिये कपोल मेरे, आह! तुमसे न सही, पर वेदना से मैं पला हूँ ।। आभास-जग! आभा- सजग है, रात के पहरे उजारे, नि:शब्द हैं, चुप […]

मैं विहर्ष हूँ, मैं प्रकर्ष हूँ, संघर्षों में विजय हर्ष हूँ || आसमान छूने की हिम्मत, *आशाओं का नया वर्ष हूँ ||* दिग्-दिगन्त में फैल रहे हैं, भीषणता के परमाणु, काल खड़ा है मुँह फैलाये, खाने जग के बीजाणु || विध्वंसों के पैर उखाड़े, उल्लासों का नव विहर्ष हूँ | […]

चुपचाप ! चुपचाप ! बिना आहट के सजाते जीवन महकाते घर की बगिया.. मन-उपवन ! बचपने में हम.. थामकर उंगलियाँ.. चलते, गिरते, उठते सीखते बोलियाँ, कितने शान्त रह जाते आप.. चुपचाप ! चुपचाप ! गूँजती किलकारियाँ सुनकर हँसते.. खुश होते.. आँसू भरकर जीवन का पाठ गोदी में ले.. समझाते, पढ़ाते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।