प्यार में आँसू बहाना छोड़ दे, साथ के सपने सजाना छोड़ दे। मैं कहूँगा हाँ मगर तुम ना कहो, हाँ-नहीं में हाँ जताना छोड़ दे।। बेवजह की बात जिससे बढ़ रही, उन सवालों को उठाना छोड़ दे।। बीत जायेगा समय ये भी सुनो!, बात को दिल पै लगाना छोड़ दे।। […]
*आर्त स्वर नेपथ्य में* *वेदना भरपूर है!* रोज बढ़ती सड़क जैसी, खुदी-उखड़ी भूख को, तक रहे सब धरा बनकर, प्राण! मन के मूक हो! कण्ठ में आकर धँसी पर, पास होकर दूर है! वाचाल! चालें भयंकर, उलझ जाते सरल मन! जाल के दाने उठा, खग! फँस रहे हैं रात-दिन। दीनता […]
आकण्ठ तक डूबा हूँ, प्रेम लौ से मैं जला हूँ, श्वास के आवर्तनों की, धीरता से मैं छला हूँ । अश्रुओं की सिंचना ने, धो दिये कपोल मेरे, आह! तुमसे न सही, पर वेदना से मैं पला हूँ ।। आभास-जग! आभा- सजग है, रात के पहरे उजारे, नि:शब्द हैं, चुप […]
मैं विहर्ष हूँ, मैं प्रकर्ष हूँ, संघर्षों में विजय हर्ष हूँ || आसमान छूने की हिम्मत, *आशाओं का नया वर्ष हूँ ||* दिग्-दिगन्त में फैल रहे हैं, भीषणता के परमाणु, काल खड़ा है मुँह फैलाये, खाने जग के बीजाणु || विध्वंसों के पैर उखाड़े, उल्लासों का नव विहर्ष हूँ | […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।