चीत्कारों से जब गूंज उठी थी, सभा कौरवों के राज की। क्या सन्नाटा छाया होगा ओर क्या कहानी होगी, उस शाम की। सबने सब कुछ सोचा होगा, कि पांडवों ने क्यों था ऐसे किया। पर क्या सोचा होगा द्रौपदी ने, जब चीर था दुशासन ने छुआ। हाय क्यों मैंने माना […]
मुझे देखते ही तेरे अधरों पे जो मुस्कान आती है वो मीठी सी मुस्कान मुझे घायल कर जाती है सालों बाद भी हम ऐसे रहते है मानों कल ही हुई हमारी शादी है अप्रतिम स्नेह लिए एक दूजे के हम नील गगन में फिरते हैं हल्की सी नोक झोंक भी […]
एक गृहणी मात्र घर पर ही नहीं रहती बल्कि वो घर पर ही रह सारे काम बड़ी कुशलता से निभाती है वो घर की *योद्धा* होती है सुबह से उठकर रसोई के काम बच्चों को स्कूल भेजना पति को दफ़्तर या दुकान भेजना हो चाहे सास ससुर की सेवा हो […]
मोनिका ने अपनी बड़ी बेटी प्रिया की शादी बड़ी ही धूम धाम से की । बड़े अरमानों के साथ उसे बिदा किया । फूल सी नाज़ुक प्रिया का ससुराल वालों ने स्वागत बहुत अच्छे से किया । अभी कुछ ही दिन बीते थे की घर वालों ने अपने तेवर दिखाने […]
किया एक यज्ञ जब राजा दक्ष ने बुलाया न अपनी बेटी सती को समाचार जब सुना सती ने हठ किया शिव को साथ चलने लाख मनाया शिव शंकर को न माने जब शिव शंभु तो चल पड़ी अकेली ही घर पिता के जैसे ही पहुँची यज्ञ सभा में देखा बैठे […]
माँ की *ममता* की बात अलग पिता के प्यार करने का अंदाज़ अलग करते हैं दोनों प्यार बच्चों से बहुत मगर दोनों की चाहत होती अलग अलग माँ ममता लुटाती बच्चों पे नाज़ नख़रे सहती हज़ार पिता थोड़ा सख़्त रहते बच्चों से दिल से प्यार करते बेशुमार माँ संस्कारों से […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।