चलाकर दौर-ए-आतिश बना नादान रहता है। कहाँ इंसान खोया है कहाँ इंसान रहता है॥ इबादतगाह देवालय न सज़दों में उसे खोजो। हमारी रूह के अंदर छुपा भगवान रहता है॥ वही रिश्ता जीएगा उम्र जिसमें नेक नीयत हो। उजाला भी वहीं से है जहाँ ईमान रहता है॥ मुकम्मल ज़िंदगी के […]