सावन मास पुनीत सुहावे। मोर पपीहा दादुर गावे।। श्याम घटा नभ में घिर आती। रिमझिम रिमझिम वर्षा भाती।।१ आक विल्व जल कनक चढ़ाकर। शिव अभिषेक करे जन आकर।। झूले पींग चढ़े सुकुमारी। याद रहे मन कृष्ण मुरारी।।२ हर्षित कृषक खेत लख फसले। उपवन फूल पौध मय गमले।। नाग पंचमी पर्व […]