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सावन मन भावन लगे, भक्ति शक्ति संगीत।
सत्यम शिवम् विराजते, पावन सावन प्रीत।।
पावन सावन प्रीत, चढ़े झूले पर सखियाँ।
तकती है मनमीत,बरसती सावन अँखियाँ।।
शर्मा बाबू लाल, नहीं हो भाव अपावन।
भक्ति प्रीत संजोग, लुभाए पावन सावन।।
हर हर बम बम गूँजता,नभ में बिजली मेह।
वधु , कन्याएँ झूलती, झूले तीज सनेह।।
झूले तीज सनेह , सजे मेंहदी व कंगन।
इन्द्र धनुष के रंग, मने फिर रक्षा बंधन।।
शर्मा बाबू लाल , बँटें तब घेवर घर घर।
राधा कान्हा संग, सुने बोले शिव हर हर।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः
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