आओ सब मिलकर हम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाए। अपना ज्ञान बढ़ाए साथ में दूसरों का भी ज्ञान बढ़ाएं।। बढ़ता है हमेशा ज्ञान से ज्ञान,ये कभी भी नहीं घटता। जितना दोगे ज्ञान तुम सबको,उतना ही ज्यादा बढ़ता।। बना है विज्ञान विशेष ज्ञान से,जरा संधि विच्छेद तो देखो। मिलेगा नोबल पुरस्कार तुमको,शोध […]

भोली भाली जनता की कौन सुने आवाज, नेता बहरे हो गए,प्रजतन्त्र में सभी आज | पढ़े लिखे बेकार घूम रहे,उन्हें मिले न काज , बे पढ़े मजे ले रहे ओढ़ रहे वे सत्ता का ताज | गूंगा गाता बहरा ताल लगाता सत्ता में आज , वोटो पर नोटों का राज […]

लड़ाकर तुमसे नैना,मै तो फस गई, तेरी मन मोहनी मूरत मन में बस गई। ग्रीष्म ऋतु जाकर,शरद ऋतु आ गई, तेरी प्रतीक्षा करते करते,मै तो थक गई। आ जाओ मेरे सनम,रात बहुत हो गई, जगते जगते सारी रात,यूंही कट गई। आता नहीं चैन,अब तो भीगी भीगी रातो मे, बिन घटा […]

सभाल कर हमें जरा तुम उठाना, दिवाली पर हमे तुमने जलाए थे। हमने तो अपने को खुद जलाकर, तुम्हारे लिए हर खुशियां लाए थे। हमने ही कुम्हार का पेट पाला था, उसने भी हमें तुम्हे बेच दिया था। अब हम कहां जाए,जरा बताओ, हमने तो दोनों का साथ दिया था। […]

याद करोगी मुझको,मेरी बातो को याद करके , चला जाऊ जब जहाँ से याद करना जी भर के | कैसे करू गुफ्तगू तुमसे,जब पास नहीं तुम मेरे , आओगी जब पास मेरे,गुफ्तगू करना जी भर के | भूल जाना उन हसीन दिनों को जब पास थी मेरे , आऊंगा जब […]

मेरे साथ एक घटना घटी, बात बिल्कुल सच्ची है पर अटपटी | करवांचौथ का दिन था , मेरा मन बड़ा ही खिन्न था , दफ़्तर में काम ज्यादा था , काम करने वाला मै ही प्यादा था मेरा पास एक मोबाइल आया मै जरा उस समय घबराया मैंने मोबाइल उठाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।