दीयो की मन की सवेंदना

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सभाल कर हमें जरा तुम उठाना,
दिवाली पर हमे तुमने जलाए थे।
हमने तो अपने को खुद जलाकर,
तुम्हारे लिए हर खुशियां लाए थे।

हमने ही कुम्हार का पेट पाला था,
उसने भी हमें तुम्हे बेच दिया था।
अब हम कहां जाए,जरा बताओ,
हमने तो दोनों का साथ दिया था।

खुद कर खुदाने से जो मिट्टी आई थी,
उसी मिट्टी से हमारी शक्ल बनाई थी
हमने तप कर कुम्हार का साथ दिया था,
उसने भी बेचकर हमें त्याग दिया था।

हमने साथ दिया तेल बाती का,
हमने साथ दिया हर साथी का।
वे भी चले गए हम अकेले रह गए
पता नहीं वे अब कहां चले गए।।

लगता है हमें तुम हमें फैंक दोगे,
अपनी खुशी मनाकर तोड़ दोगे।
मिलेगी नहीं तुम्हे भी खुशी कभी,
अगर अच्छे मित्रो को छोड़ दोगे।।

हमने निभाया साथ हर खुशी में,
शुभ कार्य किया तुम्हारे साथ मै।
सच्चा मित्र जो दुःख सुख साथ में
मत फैको हमें रखो अपने पास मे

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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Tue Nov 17 , 2020
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।