वर्तमान का विज्ञान पर केन्द्रित युग,इलेक्ट्रानिक मीडिया,दूरदर्शन व अन्य चैनलों के अकल्पनीय विज्ञान धारावाहिक, कामिक्सों पर सही दृष्टिकोण बाल साहित्यकार ही बालकों के समक्ष अपने सृजन के माध्यम से रख सकता है। आज का बालक सीधा,सरल अथवा जो कुछ कहो,सो मानने वाला नहीं हैं। वह प्रमाण चाहता है। उसने अपने […]
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अंग्रेज़ी शिक्षा का ढांचा,खड़ा किया मैकाले ने, जैसे सिर पर जूता मारा,लिपटा किसी दुशाले में। भारत मनीषी बना रहा था,गुरुकल में संस्कारों से, बना दिया है मशीनों-सा अब,शिक्षा के हथियारों से॥ उसने सोचा संस्कारों का,धीरे-धीरे हरण करो, सीधे जड़ से भी मत काटो,धीरे-धीरे क्षरण करो। जैसे-जैसे अंग्रेज़ी,माथे पर चढ़ती जाएगी, […]