कब तक घुट घुट जियेगी नारी? कब तक आजादी को तरसेगी? कब तक आंसू के घूंट पीयेगी? कब तक खुशियों को तरसेगी? कब तक सबकी खुशी की खाति, गला अपनी खुशियों का घोंटेगी? कब तक सबके मान की खातिर, हरपल अपने सम्मान को बेचेगी? लेती जन्म जिस घर मे नारी, […]

भारत माँ के चरणों मे हम, अपना शीश चढ़ाने आए हैं। मतवाले आज़ादी के हम, पुत्र धर्म निभाने आए हैं।। माँ को जिसने दर्द दिये हैं, उनको धूल चटाने आए हैं। अंग्रेजी हुकूमत को उनकी, औकात दिखाने आए हैं।। गुलामी की जंजीरों से हम, भारत माँ को छुड़ाने आए हैं। […]

हे मातृभूमि ! भारत माता, तुमको शत शत करें नमन। प्रेम से हम सब शीश झुकाएं, श्रृद्धा सुमन करें अर्पण। तुम पर न्योछावर माता मेरी, ये तन मन , सारा जीवन। हरा भरा है आंचल तेरा मां , जिसको लहराए मस्त पवन। सागर तेरे मां चरण पखारें, है मुकुट हिमालय […]

मेरे जीवन का है यही सपना, खुशियों का महल हो अपना। जिनको जमाने ने है छोड़ा, उनको मैं अपना बनाऊं। जिनका जग में नहीं कोई, मैं ही उनकी हो जाऊं। मेरे जीवन का है यही सपना, खुशियों का महल हो अपना। खून के आंसू जो रोए, उनकी मुस्कान बन जाऊं। […]

गुस्से में एक दिन पति जी, पत्नी से कुछ यूं बोले। तंग अा गया तुमसे मैं, अब क्या हम तुमसे बोलें। बैठी बैठी खाती हो , और मोटी होती जाती हो। संग मेरे जब चलती हो, मुझे जरा ना भाती हो। एशो आराम दिए सारे , दे दी सारी सुख […]

आस्तीन के सांपों ने, अपनों को ही डस डाला। हंसते खेलते जीवन को, देखो नरक बना डाला। समझा जिनको शुभचिंतक, जिनको अपनों सा प्यार दिया। राज बताए जिनको अपने, जिनपर पूरा ऐतबार किया। गले से लगाया जिनको हमने, जिनको दिल में बसाया। समझा जिनको यारा अपना, सुख दुःख में साथ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।