कब तक

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कब तक घुट घुट जियेगी नारी?
कब तक आजादी को तरसेगी?
कब तक आंसू के घूंट पीयेगी?
कब तक खुशियों को तरसेगी?

कब तक सबकी खुशी की खाति,
गला अपनी खुशियों का घोंटेगी?
कब तक सबके मान की खातिर,
हरपल अपने सम्मान को बेचेगी?

लेती जन्म जिस घर मे नारी,
क्यों धन पराया कहलाती है?
ब्याही जाए जिस घर में नारी,
उस घर में भी पराई कहलाती है

लोक लाज की खातिर कब तक,
नारी अपने सपनों को तोड़ेगी।
कब तक द्रोपदी सीता बनकर ,
नारी हरपल अत्याचार सहेगी।

सोने चाँदी के मोल में कब तक,
ये दुनियाँ हरपल नारी को तोलेगी।
सब्र का बांध यदि टूटा नारी का,
अपनी ज़ुबान का ताला खोलेगी।

क्यों ना है कोई नारी का ठिकाना,
जाने कब तक बेचारी यूँ भटकेगी?
है जग में ना है कोई उसका अपना,
ना जाने किसको अपना बेलेगी।

कब तक होगा शोषण नारी का?
ये किस्मत की मारी मौन रहेगी।
कभी तो टूटेगा बांध धैर्य नारी का,
कभी तो ज्वाला बनकर दहकेगी।।

घर की बेटी और बहना बनकर ,
कब तक घर की लाज रखेगी?
आज़ाद परिंदा बनकर कब नारी,
गगन में निर्भयता से सैर करेगी?

अपने सपने सब पूरे करने के,
नारी कब तक सपने देखेगी?
सबके सपनों की खातिर नारी,
कब तक अपने सपनों को बचेगी?

स्वरचित
सपना (स.अ.)
जनपद औरैया

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।