चलो अब ख़त्म हम सारी पुरानी बात करते हैं, भुलाकर तल्ख़ियाँ सारी नई शुरुआत करते हैं। बुझाकर नफ़रतों की आग को सब प्यार ही बाँटें, दिलों में हम चलो पैदा वही जज्बात करते हैं॥ जहाँ तम का बसेरा है ज़रा-सी रोशनी बाँटें, उदासी है जहाँ उनको चलो थोड़ी खुशी बाँटें। […]

संवैधानिक मर्यादाएं, तार-तार करते रहते है, शर्मसार जो मानवता को, बार-बार करते रहते हैं। जिनके मन में न्याय व्यवस्था का कोई सम्मान नहीं है, जिनका कोई धर्म नहीं है कोई भी ईमान नही है॥ मानव होकर भी जिनके मन मानवता का वास नहीं है, जिनको मानवता के दुख का दर्दों […]

जीवन के इस हवन कुण्ड में, इच्छाओं की आहुतियाँ दे अहंकार अर्पण करके ही, राह मोक्ष की होती हासिल। पग पथरीले पथ से  घायल, या तूफानों के साए हो हिम्मत नहीं हारते जो जन, आखिर पाते हैं वो मंजिल॥ जीवन के अनवरत सफ़र में, निश्चित आएंगी बाधाएँ दिशाभ्रमित करके हमको […]

मर्यादा की सीताओं का,करते रोज हरण। राम नाम का चोला धारे,घूम रहे रावण॥ उन्मादी वैचारिकता के,साथ खडे़ दिखते। नीति नियंता उन्मादों की,कथा स्वयं लिखते। भाईचारे की धरती पर,छेड़ रहे हैं रण…। राम नाम का चोला धारे, घूम रहे रावण…॥ धर्म नाम पर भाईचारे,के आँगन बाँटे। चंदन वन को आग लगाकर,बो […]

उतरेंगे केवल वही,भवसागर के पार। जीवन भर थामे रहे,जो सत की पतवार॥ अंतस में होते सदा,वे जन ही आसीन। मानव सेवा में रहे,जो श्रृद्धा से लीन॥ बदल सका है कौन कब,नियत समय की चाल। विधिना ने जो लिख दिया,होता है हर हाल॥ लोग वही पाते सदा,जग में अलग मुकाम। ओरों […]

जीवन के अनजाने पथ पर,उम्मीदों की गठरी लादे। हर कोई बस ढूँढ रहा है,अपने सपनों की मंजिल को॥ जीवन के अथाह सागर से तर जाने की चाह लिए सब। तूफानों से टकराते हैं घर जाने की चाह लिए सब॥ लेकिन कहाँ सभी पाते हैं,बाधाएँ तर कर साहिल को…, हर कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।