ऐ मिट्टी तू मुझे रौंदना अब सहम-सहम कर चलता हूँ, सोचता हूँ मैं तुम्हें रौंदता, पैरों के तले मैं रखता हूँ। डर लगता मुझको अब तुझसे है, तुझमें ही तो मिल जाना है, अंदर से अभिमान जागता, अभी तुझे रौंदने का ही तो पैमाना है। अब सच में भी अंतर […]

माँ ही मेरी दुनिया,माँ ही जहान है, दुनिया के सभी रिश्तों में माँ ही महान हैl  माँ मेरी लक्ष्मी,माँ ही सब भगवान है, माँ तेरा बेटा अभी भी नादान हैl   जब कोई संकट में रहता है, तो माँ का आँचल ही सिर पर पाता हैl  इसलिए दौड़कर माँ के […]

छल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। है कभी मिठास तो, है कभी खटास भी। महफिलें सजी हुई, है कभी वनवास भी॥ ढल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। उम्मीदों के तूफान है, डूब का अनुमान है। हौंसलों की नाव पर, किनारों का अरमान है॥ संभल रही है […]

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कच्ची उम्र में करें न शादी,   केवल बोझ सदा बर्बादी। कम उम्र में ब्याह रचाना,     समझो सूली पर है चढ़ाना। लेना-देना नहीं दहेज,     इससे सदा करें परहेज। ले दहेज और ऐश दिखाए,     हो जुर्माना जेल भी जाए। बहू को बेटी-सा अपनाएं,     […]

पिछले दिनों देश के एक प्रमुख समाचार चेनल पर एक कार्यक्रम में सेना के एक प्रमुख रेजीमेंटल ट्रेनिंग सेन्टर के प्रशिक्षु सैनिकों के मोबाइल्स को उन्हीं जवानों की आँखों के सामने पत्थरों से तोड़ते हुए दिखाया गया है। एक लोकतांत्रिक देश में और संचार क्रांति के युग में प्रशिक्षणरत रिक्रूटों […]

(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष) उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है, लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है। देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है, विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है। उठो देश के भावी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।