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(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष)
उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है,
लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है।
देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है,
विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है।
उठो देश के भावी युवाओं…॥
संस्कृति अपनी समग्र शाश्वत वेदों को तुम जरा टटोलो,
बुद्धि तुम्हारी क्षीण नहीं है,ज्ञान चक्षुओं को अब तो खोलो।
दूसरों के राग में बहुत गा चुके,अब तो अपने गीतों में बोलो,
धीर मनीषियों की वाणी में आज ओज यह छाया है।
उठो देश के भावी युवाओं…॥
भले विश्व विज्ञान उन्नति से आज शिखर पर पहुँच गया।
भारत का भी अब गुजरा बचपन अब लगता है देश युवा,
बल सौंदर्य के संवर्धन से देश बनेगा स्वस्थ नया।
कुसुम रूप इस देशज्योति को वीरों ने प्राण पिलाया है,
उठो देश के भावी युवाओं…॥
कर्म ज्ञान ईमान से खुद को अब तो तुम समृद्ध करो,
देश धर्म कर्तव्य मार्ग पर अपने-आपको बद्ध करो।
नशा दुष्प्रवृत्ति छोड़,बड़बोलों को खुद को तुम निषिद्ध करो,
युवा सन्त उस महापुरुष ने ऐसा ही हमें समझाया है।
उठो देश के भावी युवाओं…॥
खेल कला विज्ञान क्षेत्र में तुमको नाम कमाना है,
विश्व धरातल बड़ा ही दुर्गम,फिर भी पैर जमाना है।
उन्नति-प्रगति के ग्राफ को शिखरों तक पहुँचाना है,
मान बढ़ाना है इस भारत को,जिसने जग को सिखाया है।
उठो देश के भावी युवाओं…॥
लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है,
देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है।
विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है।
उठो देश के भावी युवाओं,हिन्द ने तुम्हें बुलाया है॥
#दुर्गेश कुमार
परिचय: दुर्गेश कुमार मेघवाल का निवास राजस्थान के बूंदी शहर में है।आपकी जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी है। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा ली है और कार्यक्षेत्र भी शिक्षा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। विधा-काव्य है और इसके ज़रिए सोशल मीडिया पर बने हुए हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी की सेवा ,मन की सन्तुष्टि ,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है।
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