हम सबमें जज़्बात होते हैं……… हम सबके जज़्बात होते हैं…….. ………. होने भी चाहिए क्योंकि यदि जज़्बात न हों तो फिर मानव और मशीन में फर्क ही नहीं रह जायेगा इसलिए जज़्बातों का होना तो बनता है, स्वाभाविक भी है । हां पर हमें जज़्बातों में ज़्यादा बहना नहीं चाहिए […]

कागज की नाव को पानी की ऊपरी सतह पर उतारना आसान होता है । पर उस कश्ती को नदिया पार ले जाना कठिन काम होता है । उस कागज की कश्ती को बनाना भी कोई आसान काम नहीं, पर सीखने में बस थोड़ा ध्यान लगाना होता है । और शायद […]

यक़ीनन दहेज़ एक बुरी प्रथा है, जिसके कारण समाज में कई बेटियों को अपना जीवन होम करना पड़ा, इसकी जद में कई परिवार, कई घर आ गए और स्वाह हो गए किन्तु इस व्याप्त बुराई में भी एक अच्छी की किरण किसी को नज़र आई तो वो है पश्चिम बंगाल […]

दोस्त आज कल के इस युग मे जहां एक इंसान दूसरे इंसान को कुछ नही समझता सिर्फ खुद को ही श्रेष्ठ कहता है। मैं सही और बाकी के सब गलत या में पढा लिखा बाकी के सब…../ पहले के समय मे जब राजाओ का शासन था तब राजदरबार में ऐसा […]

साथियो आज में आपको जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई बताने का एक प्रयास कर रहा हूँ। जो भी मनुष्य इस संसार में आता है। उसे एक दिन तो अवश्य ही इस संसार से  जाना है। जब तक हम इस संसार में रहते है तब तक सब अपने अनुकूल हम लोग […]

हाँ! बिल्कुल महाकुम्भ-सा जिसके आस-पास तैरता है प्रेम जिसके आस-पास घूमते है शब्द जिसके आस-पास मंडराती है आत्मा समान पर्वत के विशालकाय, जिसने निश्चलता को जिया है जो किया वही तो कहा है वही उसने लिखा है आत्मा भी जिसकी बोझ विहीन शरीर पर कोई लबादा नहीं है तमगे कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।