वर्त्तमान समय में जिस तरह से हिंदी भाषा के उठान के लिए सोशल मिडिया ने जो कार्य किये है वो बहुत ही सराहनीय है। जिसके कारण आज सरे विश्व में हिंदी भाषा को सराहा जा रहा है। भारतीय संस्कृति का मूल आधार है हमारे देश की भाषा। आज देश में […]

वैसे तो भारत का प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र, ग्राम,नगर, प्रान्त, भाषा, जाति, समाज, कुल, गौत्र, राजनैतिक पार्टी और अन्य तमाम परिचायक बंधनों से मुक्त होता है, ऐसे सभी बंधन जो उसे अन्य से अलग करते करते है या फिर जमात में शामिल करते है। इसीलिए वो भारत के प्रधानमंत्री के तौर […]

सास बहू का रिश्ता क्या होता है, मैं तुम को समझता हूँ। हर घर की कहानी, तुम को में सुनाता हूँ। सुनकर कुछ सोचना, और कुछ समझना। सही बात यदि मैंने कही, तो बता देना मुझे।। सास बहू का रिश्ता बड़ा अजीब होता है। बहू सास को माँ कहे तो […]

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी जीवन की बख्खियां उधेड़ते हुए कई बार उनसे अलग राजनीतिक विचारधारा वाले लोग इतना उग्र और ऑथेंटिकेट होने की कोशिश कर जाते हैं मानो इन्हीं के सामने उन्होंने अपना रिपोर्ट कार्ड रखा था। वैचारिक मतभेद का मतलब कतई नहीं की किसी व्यक्ति […]

आजकल  आक्रामक भाषा चलन में है, इसे चलन कहा जाय या सभ्यता का ह्रास आखिर क्या कहा जाय इसे ?समय और युगीन सन्दर्भों  के बदलाव के साथ लोकतंत्र में भी भाषा के जायके बदल रहें है इसके हाल ही में कई उदाहरण देखने में आये हैं जिसमें भाषा की मर्यादा […]

फूल बनकर मुस्कराना जिन्दगी है l मुस्कारे के गम भूलाना जिन्दगी है l मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ l बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है l। जिंदगी जिंदा दिलो की आस होती है। मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी। मिलना बिछुड़ जाना तो लगा रहता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।