पृथ्वी को चारो तरफ से घेरे हुए हैं जो सुंदर आवरण। उसे ही कहते हैं हम पर्यावरण।। ************************* प्रकृति में सीमित है सब संसाधन। इसलिए सोच -समझकर करो इसका दोहन।। ************************* मानव प्रकृति से करके छेड़छाड़। अपना ही कर रहा है बिगाड़।। ************************ जब से शुरू किये हैं वनो की […]