कुत्ते तब भी पाले जाते थे, लेकिन विदेशी नस्ल के नहीं। ज्यादातर कुत्ते आवारा ही होते थे, जिन्हें अब स्ट्रीट डॉग कहा जाता है। गली – मोहल्लों में इंसानों के बीच उनका गुजर – बसर हो जाता था। ऐसे कुत्तों के प्रति किसी प्रकार का विशेष लगाव या नफरत की […]
मेरी माँ ने एक बार कहा था , बेटे जहा गणतंत्र का झंडा , फहराया जाये , 26 जनवरी को , वहा ! उस जश्न मे मत जाना , उस झण्डे के नीचे मत जाना , ये सफेदपोश , उस झण्डे को दागदार कर दिये है , हर साल इसकी […]
शिक्षा के मन्दिर मे , बलात्कार करते हो तुम, गुरु के पवित्र नाम पर , कलंककित होते हो तुम, हे भारत के ज्ञान दाता , ज्ञान के मन्दिर को , बेटियों की इज्जतो से खेलते हो तुम , गुरु के नाम को बदनाम के रंग से रगते हो तुम, लड़कियो […]
वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी , ज़हाँ चीड़ीयो की की चहचाहात रही चांदनी , खेतो मे खिलखिलाती रही रोशनी , भँवरो मे मुस्कुराहट भरी है , वो बचपन की य़ादे फिर याद आयी ! सूर्य की किरणे चमकता ही रहता है , पेड़ो मे फल लदा ही रहता […]
कोई तो हमको समझाये, होती कैसी दीवाली! तेल नदारद दीया गायब, फटी जेब हरदम खाली। हँसी नहीं बच्चों के मुख पर,चले सदा माँ की खाँसी। बापू की आँखों के सपने, रोज चढ़ें शूली-फाँसी। अभी दशहरा आकर बीता,सीता फिर भी लंका में। रावण अब भी मरा नहीं है, क्या है राघव-डंका […]
प्यार का दीपक ज़लाओ इस अंधेरे मे , रुप का जलवा दिखाओ इस अंधेरे मे , दिलो का मिलना दिवाली का ये पैगाम , दुरिया दिल का मीटाओ इस अंधेरे मे ! अजननी है भटक न ज़ाए कही मंजिल , रास्ता उसको सुझाओ इस अंधेरे मे , ज़िन्दगी का सफर […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।