मैं करू क्या अब जब अपनो ने ही धोका दे दिया। क्या जबाब दे उन लोगो को जो कर रहे है मुझ पर व्यंग की तुम्हारे खास के होते हुए ये क्या हो गया।। अब क्या करे और क्या बोले। उन लोगो को जो उतार रहे है। मेरी और उसकी […]
ज्योत से ज्योत जलाते चलो। अंधेरे में रोशनी करते चलो। राह में आये जो दिन दुखी धैर्य उन्हें तो बांधते चलो। दिलो में प्रेम जागते चलो, प्यार गंगा बहाते चलो।। ज्योत से ज्योत…..। प्रेम से तुम दिलो को जीतो। प्रेम के भाव जगाओ, लोगो के मन से नफरत हटाओ प्रेम […]
जैन धर्म के श्रावक सुन लो, गुरु विद्यासागर जी की एक बात। सत्य अहिंसा से बढ़कर कुछ नही होता है धर्म ।। जो भी श्रावक धारण करते, सत्य अहिंसा के पथ को। मोक्ष का मार्ग उन्हें दिखता, इस पथ पर चलते हुये। सत्य अहिंसा से बढ़कर, और कोई धर्म नही। […]
कितना लूटोगे तुम अपना बनकर। कितना और सताओगे अपना बनकर। कभी तो तुमको शर्म आयेगी वे गैरत इंसान। या काटोगे उसी डाली को जिस पर बैठा करते थे कभी तुम।। सफलता तुमको मिल है, बहुत खुशी की ये बात है। परन्तु अपनी सफलता में तुम इतना मत इतराओ। की जिन्होंने […]
काम काम के चक्कर में जीवन की खुशियां बिखर गई। जिसको अपना माना था उसने ही धोखा दे डाला। अब न घर, ऑफिस का रहा में। अब धोबी का कुत्ता बन बैठा।। जीवन के चौराहा पर आकर, फिर से वही खड़े हो गए। जहां से शुरू की थी जिंदगी, अब […]
वर्त्तमान समय में जिस तरह से हिंदी भाषा के उठान के लिए सोशल मिडिया ने जो कार्य किये है वो बहुत ही सराहनीय है / जिसके कारण आज सरे विश्व में हिंदी भाषा को सराहा जा रहा है। भारतीय संस्कृति का मूल आधार है हमारे देश की भाषा/ आज देश […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।