सबके मन में “शिक्षा में सुधार कैसे हो ? “यह विचार रहता है। नेता, मीडिया, पदाधिकारी से लेकर आम आदमी हर कोई इसमें सुधार हेतु प्रयासरत हैं। सब अपनी तरफ से किये गये प्रयासों की सराहना चाहते हैं, पर किसी को वास्तव में शिक्षा में सुधार हो रहा है या […]
सनाया तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। उसकी शादी हो चुकी थी। उसकी दो छोटी बहनें शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज में पढ़ती थीं। सनाया का प्रायः अपने मायके आना-जाना होता रहता था। इस कारण वह मायके में होने वाले हर हलचल से परिचित रहती थी। उसकी दोनों बहनें सुन्दर होने […]
है ऐसी मेरी भावना, बन सकूं वीरांगना। कलुषता निकाल दूं, नेक करूँ कामना।। घात बात छोड़कर, कू रिवाज तोड़कर। धीर अपना बांध के , नेक धरूँ धारणा।। सत्य कर्म सीखकर, लाज शर्म सींचकर। प्रेम भाव पर मरूं, है यही अराधना।। देश शान पर मरूँ, मैं नाम देश का करूं । […]
22 अप्रैल का दिन प्रतिवर्ष पृथ्वी दिवस के रुप में मनाया जाता है . वास्तव में पृथ्वी दिवस साल में दो बार मनाया जाता है . 21 मार्च को यह दिन उतरी गोलार्ध के वसंत तथा दक्षिणी गोला्ध के पतझड़ के प्रतीक सवरूप मनाया जाता […]
“देखो इस तपस्या से ईश्वर को पाकर , निश्छल स्वभाव से गृहस्थ जीवन में आकर” विश्वास है ईश्वर को पाने के लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती है । इसका सीधा अर्थ हुआ कि कठिन परिश्रम या तपस्या करो और ईश्वर को पाओ। पर क्या […]
किस्मत के खेल निराले , अमृत कहीं विष के प्याले , कोई सोये महलों में , कई तूफानों नें पाले . कोई धोये झूठे बर्तन , पाप कोई कराए जबरन . किसी की पांव तले गर्दन, किसी के मुँह पर बांधे ताले. किस्मत तेरे खेल निराले. स्कूल जाए कोई टांगे […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।