तुम मेरे साथ हो तो, सांसे मेरी चलती हैं। अगर तुम दूर हो तो, जां मेरी निकलती है। ये दुनिया अजायबघर है, यहाँ सब आता-जाता है। ओ मेरी दिलरुबा तुझसे, जन्म-जन्मों का नाता है। जां मेरे सपनों में न आना, दिल की हकीकत हो तुम। मुझे कभी भुला ना जाना, […]

जहां में सबको देख-देख कर, मैं भी सीख गया बात बनाना, रिश्ते-रास्तों की समानता देख, मैं भी सीख गया रिश्ते निभाना। आंखों के काजल को चुराकर, मैं भी सीख गया आँख चुराना, अपने को ही बेगाना बनाकर, सीखा गैरों को अपना बनाना। सभी मालिक!मैं हूँ एक गुलाम, अपने आदरणीय मालिकों […]

हम आर्य पुत्र,धर्मरक्षक, हम सन्त सनातन ज्ञानी हैं। हम चक्र-सुदर्शन धारी हैं, हम अर्जुन आज्ञाकारी हैं। हम वीर भगत-आजाद से, धरती पुत्र बलिदानी हैं। हम सब हिंदुस्तानी हैं,  हम सब हिंदुस्तानी हैंll  हमने सबको देना सीखा, लेने की कोई प्यास नहीं  जितना दिया सरकार ने हमको, उससे ज्यादा की आस […]

  कैसे हटेंगें ? कपट के गहने, तन पे सजी संस्कारों की वो मिट्टी गीली है अभी तक॥ छल-फरेब संविधान बदले क्यों बंधी है ? न्याय तुला की आंख में पट्टी अभी तक ? जातिवाद से नफरत फैली है, पूरे देश में घृणा की राजनीति छाई क्यों अभी तक ? […]

बेटियों की स्थिति देखकर, आज हमें रोना आता है। क्योंकि जन्म देने वाली माँ, राखी बांधने वाली बहन प्यार करने वाली प्रेयसी, या हमें खुद से ज्यादा, प्यार करने वाली पत्नी सबकी सब बेटियां हैं, चाहे हमारी या आपकी। हमने और हमारी संस्कृति ने, जिसके लिए कहा है कि जहाँ […]

प्रकाश पर्व का अभिनन्दन, सबका ज्योतिर्मय हो अंतर्मन। हम सब मिलकर दीप जलाएं, इस धरा से अंधेरा दूर भगाएं। शुद्ध करें निज मन मन्दिर को, छोड़ें व्याप्त क्रोध-अनल को त्यागें मन से लालच-विष को। विश्वात्म बनें! आत्म मिटाकर, परमात्म बनें! `मैं` को त्यागकर। ज्योति पर्व की इस बेला में, मन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।