दिलरूबा

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keshav
तुम मेरे साथ हो तो,
सांसे मेरी चलती हैं।
अगर तुम दूर हो तो,
जां मेरी निकलती है।
ये दुनिया अजायबघर है,
यहाँ सब आता-जाता है।
ओ मेरी दिलरुबा तुझसे,
जन्म-जन्मों का नाता है।
जां मेरे सपनों में न आना,
दिल की हकीकत हो तुम।
मुझे कभी भुला ना जाना,
हो मेरी सबकुछ तुम्ही तुम।
तुमसे जब नजरें मिली मेरी,
दिल में तस्वीर ही उतर गयी।
अब तो तुम्हें अपना बनाकर,
मेरी पूरी दुनिया बदल गयी।
क्यों दूर-दूर रहती हो मुझसे?
क्यों आती नही हो मेरे पास?
अब ओ मेरे जानेमन तेरे बिना,
मेरा दिल रहने लगा है उदास।
मैंने अपना दिल तुम्हे दिया है,
पास मेरे अब आ भी जाओ।
मेरे दिल में रहो-धड़कन में रहो,
मेरी आँखों में तुम समा जाओ।
मुझे अब और न तुम तड़पाओ,
तुम आ जाओ-तुम आ जाओ।।

         #केशव कुमार मिश्रा

परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।