हो ऐसी शुरुआत कि रिश्ते पावन होवें। हृदय वेदना तोड़ बंध रिश्ते न खोवें॥ अपने कारण दर्द किसी आँखों में आया। सोचो खोया बहुत नहीं कुछ हमने पाया॥ जीवन है संग्राम किन्तु लड़ दानवता से। केशव को कर याद पावनी मानवता से॥ धर्म-कर्म परमार्थ पिनाक उठाना होगा। अवध न जाए […]

सुन लो मातु पुकार,दया बरसाने वाली। कभी शारदे मातु,कभी हो दुर्गा-काली॥ खड्ग गदा कर चक्र,सुशोभित वीणा-पुस्तक। मानवता रक्षार्थ,काट लेती अरि मस्तक॥ सकल गुणों की खान,सृष्टि की रचनाकारा। उद्भव अरु संहार,चराचर त्रिभुवन सारा॥ दुष्टों का कर नाश,धर्म अपनाना होगा। अवध न जाए हार,अवधपति ! आना होगा॥           […]

कुछ लोगों ने धन को लूटा और हमें  कंगाल किया। कुछ लोगों ने तन को लूटा,लावारिस-बेहाल किया॥ लूटपाट का खेल यहाँ चलता आया है  वर्षों से। कभी गैर ने कभी सगों ने,बद से बदतर हाल किया॥                             […]

कलम पूजते हम श्रद्धा से, ये हथियार हमारे हैं। बहुत क्रांति रची है इनसे, अगणित अरिदल मारे हैं॥ शोणित नहीं बहाया इसने, और न खुद पर दाग लिया। मिले सारथी जब-जब उत्तम, सारे दुश्मन हारे हैं॥            #अवधेश कुमार ‘अवध’ Post Views: 378

कल तक माता के आँचल में,बैठ सभी सुख पाते थे। भूखे-नंगे,लावारिस भी,जीवन जीने आते थे॥ कभी वृक्ष रूपी हड्डी को काटा,काम किया अपना। अपने सपनों के चक्कर में,जला दिया माँ का सपना॥ किन्तु आज कुहरे में लिपटी,दिल्ली आहें भरती है। अपने ही बच्चों के कारण,दिल्ली जीती- मरती  है॥ माता यमुना […]

माता का आशीष मिलेगा, सच्ची राहें चुनने से। दुष्कर्मों का मूल मिटेगा, सद्कर्मों के चुनने से॥ कामचोर,पापी,पाखंडी, रोएंगे,पछताएंगे। भक्तों को ही मोक्ष मिलेगा, भक्ति हृदय से चुनने से॥                                            #अवधेश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।