मिली थी सत्ता मध्यप्रदेश की, कांग्रेस को 15 सालो के बाद। लूटा दी 15 महीने में , फिरसे लूटियाँ बंटाधार ने। कितना मनहुस है ये, अब कांग्रेस के लिए। चलती हुई सरकार को, डूबवा दिया बंटाधार ने। फिर से मध्यप्रदेश को, बना दिया अभागा। और मुख्यमंत्री दर्शक बनकर देखता रहा […]

फूल बन कर, मुस्कराना जिन्दगी है l मुस्करा के गम, भूलाना जिन्दगी है l मिलकर खुश होते है, लोग तो क्या हुआ l मिले बिना दोस्ती, निभाना भी जिन्दगी है।। जिंदा दिलो की, आस होती है जिंदगी। मुर्दा दिल क्या, खाक जीते है जिंदगी। मिलना बिछुड़ जाना, तो लगा रहता […]

जुगनुओं की तरह, टिमटिमाते रहो। तिरगी ज़िन्दगी से, मिटाते रहो।। ज़ख्म भी हैं बहुत, दर्द भी कम नहीं। अश्क पीते रहो, मुस्कुराते रहो।। मयकशों से तमन्ना , करे मयकदा। तिश्नगी हर दिलों की, बुझाते रहो।। ग़म की रातें, अंधेरों के साये घने। इक चरागे मुहब्बत, जलाते रहो।। इसमे शोले भी […]

दुनिया का दिमाग ठीक करने वाले पागल हुए जा रहे है। हाथियों से लड़ने वाले मच्छरों से घायल हुए जा रहे है। किस समय क्या होने वाला है ये कोई नहीं जानता क्योंकि जो खुश रहना चाहते है। वही आज पल पल रो रहे है क्योंकि हवा के हर झोके […]

महक जाये चमन सारा इबादत कौन करता है खुदा तुझसे अंधेरे की शिकायत कौन करता है ज़हन में फिक्र है लोगों को बस अपने ही दामन की यहाँ गैरों के दामन की हिफाज़त कौन करता है जहाँ देखा वहाँ रिश्तो में बस नफरत ही नफरत है ये रिश्ते हैं महज […]

लुटती है पिटती है अभावो में रहती है संघषों की जिंदगी भी हंसकर सहती है गमों के सागर मे हरदम वो बहती है कष्टों को सहकर किसी से ना कहती है कभी बसों में कभी कारों में हाट बाजारों में तीज और त्योहारों में मेघ और मल्हारों में इज्ज़त उतारी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।