बंटाधार की करनी

0 0
Read Time3 Minute, 36 Second

मिली थी सत्ता मध्यप्रदेश की,
कांग्रेस को 15 सालो के बाद।
लूटा दी 15 महीने में ,
फिरसे लूटियाँ बंटाधार ने।
कितना मनहुस है ये,
अब कांग्रेस के लिए।
चलती हुई सरकार को,
डूबवा दिया बंटाधार ने।
फिर से मध्यप्रदेश को,
बना दिया अभागा।
और मुख्यमंत्री दर्शक बनकर
देखता रहा पूरा तमासा।।

मेहनत जिसने की थी,
चुनावो को जीतवाने में।
उसी इंसान के खिलाप,
जहर उगलते रहे ये दोनों।
और उसके आत्म सम्मान को,
ठेस पहुंचाते रहे अपनी चालो से।
पर शायद अपनी हद को पार,
इस बार ये दोनों कर गए।
और परिणाम कांग्रेसियों के,
दिगज्जो के सामने आ गया।।

इस बार सोये हुए शेर को,
इन्होंने ज्यादा छेड़ दिया।
तभी उसकी दादी दिलमें,
इस बार प्रवेश कर गई।
और फिर दोनों की पेंट,
पूरी गीली हो गई।
और फिर सुखाने को,
यहां से वहां भागते रहे।
परन्तु अब कही पर भी,
ये सूखने वाली ही नहीं।।

कब तक बंटाधार को,
ढोते रहोगे कांग्रेसियों।
और प्रदेश का बंटाधार,
दिग नाथ से करवाते रहोगें।
शीर्ष नेताओं का भी,
यही हाल है लोगो।
मां पुत्र और पुत्री को भी,
चमचों की दरकार है लोगो।
तभी तो युवा नेताओ का,
कांग्रेस में बुरा हाल है।।

सभंल जाओ युवाओं तुम,
नहीं है भविष्य कांग्रेस में।
ये तो वंशवाद से शुरू हुई,
वही पर अब अंत हो जाएगी।
अभी भी वक्त है,
माँ बेटे और बेटी के पास।
हटाओ दरबारी चमचों को,
अपने आजू बाजू से।
वरना कांग्रेस का अंत
अब आगे निश्चित है।।

कहते है युवा ही देश के,
अब आगे भविष्य है।
कहने में तो मुंह से ये,
बहुत अच्छा लगता है।
परन्तु अमल कोई कांग्रेसी,
इस पर करता ही नहीं।
तभी तो युवाओं की शान,
निकल गये अब कांग्रेस से।
और अब मानो मध्यप्रदेश से,
कांग्रेस खत्म हो गई।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Next Post

आराम

Tue Mar 24 , 2020
कोरोना के ख़ौफ से दुनिया हो गई जाम हर काम बंद करके घर मे करो आराम भारत मे एक दिन का लग रहा जनता कर्फ्यू आप सभी सहयोग करे आप हो या आपका नैफ्यू जो गरीब है उनकी मदद दिल खोलकर करनी होगी संकट की इस घड़ी में सभी को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।