खुद ही छपवा कर खुद बेच रहे हैं कर हम सहित्य की देख रेख रहे हैं । फेसबुक,व्हाट्सप ट्वीटर के जरिए महफ़िलें और मुशायरे में पेश रहे हैं । एक से बढ़ कर हैं यहाँ मंच उप्लब्ध ओपेन माईक पर रोटियाँ सेंक रहे हैं । साझा संकलन,काव्य संग्रह के नाम […]

रोजमर्रा की जद्दो-जहद में परेशान रहने दे रहम कर रहनुमाओं मुझे बस इन्सान रहने दे । ये हिन्दू,ये मुसलमां,ये सिक्ख और ये ईसाई मजहबी नाम पर ये वोटों की दुकान रहने दे । कब तक बेचेगा ज़मीर जम्हुरियत के बहाने चैनो-अमन अहले वतन हिन्दूस्तान रहने दे । महफूज़ रहते हैं […]

हमसे हमारे ख्वाब न छिन काँटों भरी गुलाब न छिन । जिंदा तो हूँ गफलत में सही यादों की ये सैलाब न छिन । बेहद सुकून से रहते हैं यहाँ सुखे फूलों से किताब न छिन । कुछ तो रहम कर मेरे खुदा मेरे हिस्से की अज़ाब न छिन । […]

कुछ के लिए मै खास लिखता हूँ कुछ के लिए बकबास लिखता हूँ । हाँ सच ही कहा है जनाब आपने खो कर मैं होशोहवास लिखता हूँ । भला कैसे हो मेरी शायरी अदब में हो कर जो मै बदहवास लिखता हूँ । उतर आती है कागज पे आँखों से […]

ख्वाबों का खैर मकदम ज़रूरी है किसी हसीं की नजरें करम ज़रूरी है । उम्रे सफ़र के रास्ते कटे आराम से ज़िन्दगी में कोई हमदम ज़रूरी है । तू रहे,मै भी रहूँ और ये कायनात भी दिलों में मुहब्बत ,ऐ सनम ज़रूरी है । फिक्रे दूनियाँ में सर खपाने के […]

मेरी   शायरी मे  यार   मुहब्बत   न ढूंढ हुस्न और   इश्क़   की   लज़्ज़त न ढूंढ । महरूम हैं मेरे शेर जलवाए   महबूब से ज़िक्र तू यहाँ हसिनाए खूबसूरत न ढूंढ। मत कर  नेताओं के     वादों पर भरोसा सहरा में यार समंदर की फितरत न ढूंढ । रहने दे मासूमों की  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।