महंगाई ने कैसा! सितम कर दिया, है न जीने दिया, और न मरने दिया, दाम बढ़ने लगा, मांग घटने लगा, और बैचेनी की! हमको वजह दे गया, तेल ऊपर चढ़ा, और चढ़ता ही गया, रूप्या नीचे गिरा, और गिरता ही गया। चढ़ने उतरने के! इस खेल में, हम भी गिरते […]

ए मेरे हमसफ़र, ओ मेरे दिलबर, तुझे पाकर! तेरा मैं दीवाना हुआ, इस जग से भी, अब मैं अंजना हुआ, मैं तो खुद से भी, अब तो बेगाना हुआ। तेरी जुल्फ़ें! ओ कातिल अदाएं तेरी, तेरी आँखों का काजल! दिल चुरा ले गयी, तेरी ओठों की! मादक मुस्कुराहट मेरी, तेरे […]

आज पवित्र पर्व वट सावित्री की है, आज के दिन सुहागिन महिलायें! कथा सुनती सत्यवान-सावित्री की है। वट वृक्ष के नीचे आज स्त्री पूजा करती हैं, बांस के पंखे से वट वृक्ष को हवा करती हैं। कच्चा धागा लपेटकर परिक्रमा करती हैं, उसके बाद ध्यान से सभी कथा सुनती हैं। […]

माँ!माँ शब्द नहीं,भंडार है, बच्चों की सम्पूर्ण संसार है। माँ भावना और अहसास है, एक संवेदना और विश्वास है। माँ हम बच्चों की आवाज है, हमारे जीवन की आगाज है। माँ में भगवान जी का वास है, वो हमारी हरपल की सांस है। माँ मजधार की किनारा है, हमारे जीवन […]

मैं इंसान हूँ,इंसान! माना कि!दुनिया में, हालात का मारा हूँ, मैं एक बेसहारा हूँ, जीती बाजी हारता हूँ, लेकिन!मैं टूटता नहीं, कड़े पत्थरों के तरह, डटकर खड़ा रहता हूँ, एक सिपाही की तरह, फिर सामना करता हूँ, मैं इस उम्मीद में,की! अब मैं जीत जाऊंगा। मैं सपने भी देखता हूँ, […]

हाँ!मैं एक मजदूर हूँ, पर मैं मजबूर नही हूँ। मैं हमेशा ही खाता हूं, खून-पसीने की कमाई। मैं हमेशा ही करता हूँ, सभी लोगों की भलाई। मुझमे थोड़ी भी शर्म नहीं, क्योंकि मैं लाचार नहीं? मैं एक मजदूर हूँ!मजदूर। मेहनत कर रोटी खाता हूँ, मिट्टी से सोना उपजाता हूँ, और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।