“महंगाई जाम”

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keshav
महंगाई ने कैसा!
सितम कर दिया,
है न जीने दिया,
और न मरने दिया,
दाम बढ़ने लगा,
मांग घटने लगा,
और बैचेनी की!
हमको वजह दे गया,
तेल ऊपर चढ़ा,
और चढ़ता ही गया,
रूप्या नीचे गिरा,
और गिरता ही गया।
चढ़ने उतरने के!
इस खेल में,
हम भी गिरते गए,
और मरते गए,
पर हमारी सहादत से,
कुछ न हुआ,
सरकारें सोती रही,
जनता रोती रही।
अब तो मरने की हमको!
वजह मिल गयी।
या घुट घुट के जीने की!
राह मिल गयी।
दाम ऐसा बढ़ा,
नशा मुझपे चढ़ा,
बिना पीये ही,
मैं तो लुढ़क सा गया।
आलू ऊपर चढ़ा,
दाल नीचे गिरा,
चावल ने अब तो,
गजब कर दिया,
प्याज ने भी जब देखा,
बढ़े दामों को,
तब वो भी उछलकर,
खड़ी हो गयी,
बढ़े दामों ने हमको,
न उठने दिया,
अब तो चलना मेरा,
इस जहां में कहीं,
बस दुष्वार है,
बस दुष्वार है।
दैनिक जीवन चलाना,
अब आसान नहीं,
गर मैं जी भी गया,
तो मुझमे प्राण नही।
आम जनता तो!
इससे परेशान हैं,
पैसे वाले तो!
बिल्कुल ही अनजान हैं,
कुछ को तकलीफ है,
कुछ मजे में जी रहे,
कुछ”महंगाई”जाम को,
हैं छककर पी रहे।
मेरी हालात तो!
अब ऐसे हो गयी,
न मैं जी ही रहा,
और न मर ही रहा।
काश!कोई तो हो,
जो इस महंगाई को,
खत्म कर दे अब!
सदा सदा के लिए,
जो भी ऐसा करे,
मेरी दुआ है ये,
उसके बच्चे भी,
अब जुग-जुग जिये,
अब जुग-जुग जिये।।।
       #केशव कुमार मिश्रा

 परिचय: युवा कवि केशव के रुप में केशव कुमार मिश्रा बिहार के सिंगिया गोठ(जिला मधुबनी)में रहते हैं। आपका दरभंगा में अस्थाई निवास है। आप पेशे से अधिवक्ता हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।