न किसी से अपेक्षा, न किसी से शिकायत, न खुशी की चाह, न गम का परवाह, न अधिकार की बात, मैं अपना कर्त्तव्य निभाता हूँ , मैं घर चलाता हूँ । न खाने की चिंता, न पहनने का शौक, न सोने का समय, न जगने का ठिकाना, चलते चलते भी […]

लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए हमें  अपना अधिकार और कर्त्तव्य जानना बहुत ही आवश्यक है । और इसकी पहली सीढ़ी है *मतदान* । पहले तो ये सुनिश्चित करना होगा की हमें मतदान प्रत्येक दशा में करना  है । तत्पश्चात यह तय करना होगा की किसको और क्यों अपना मत […]

बातों ही  बातों में, कुछ ऐसी बात हो गई, बनते बनते बात वो , बिगड़ी जैसी बात हो गई, सुनो ! बातों का कमाल भई । बातों ही बातों में, कुछ ऐसी बात बन गई, बिगड़े बिगड़े बात भी, बातों में ही बात बन गई, सुनो ! बातों का कमाल […]

दीप जलाओ घर आँगन में, दीप जलाओ जन जन के मन में। दीप जलाओ उनके भी मन में, अंधकार है जिनके मन में । दीप जलाओ उन जन में, गुबार भरा जिनके मन में। दीप जलाओ उनके पन में, अनंग छिपा जिनके तन में । दीप जलाएं नारी अपने-2 घर […]

***************** सत्य का उसने दीप जलाकर असत्यपूर्ण अंधकार मिटाया, सत्याग्रह की राह पर चलकर भारत भूमि स्वतंत्र कराया। लकुटी ही थी एक सहारा, लकुटी को न कभी उठाया। एक धोती लपेटे रहते, सत्य का सिर पर ताज था। तन था उनका साँवला, अफ्रीकन का साथ दिया। बाल्यकाल से दयावान थें, […]

हे ईश! नमन तुमको , मेरा सुहाग अमर कर दो। मैं सुहागन रहूँ हरदम, ऐसा तुम जतन कर दो । रण में विजय हो उनका , हिमालय का सर हो ऊँचा । साहस भरकर उनमें , उनकी जीत अमर कर दो । हे ईश! नमन तुमको , मेरा सुहाग अमर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।