होते खुश दीना नाथ रहो सदा साथ-साथ करो नित खुले हाथ *दान ही महान है।* कभी नहीं भेद करें यही सदा वेद कहे नीर नहीं छेद करें *दान ही जहान है।* कर्म नेक दान होये आन वान शान होये चहुँ ओर गान होये *दान ही उत्थान है।* कहें सारे धर्म […]
bhatt
साहित्य संगम संस्थान के विषय छंदोत्सव विशेषांक समीक्षा पर राजवीर सिंह मंत्र जी,मीना भट्ट जी,छगनलाल विज्ञजी,गुणवती गार्गी जी,बाबा कल्पनेश जी,सुनील कुमार अवधिया जी,महालक्ष्मी मेधा जी,भावना दीक्षित जी,भारती वर्मा जी,हरीष विष्ट जी,आरती डोंगरे जी,राजेश कौरव जी,ने बहुत सारगर्भित समीक्षा कर इस विशेषांक की सराहना की शुभकामनाएं दी।अत्यंत खुशी की बात ये […]