रामायण

0 0
Read Time1 Minute, 49 Second

naveen kumar bhatt

रामायण की सुनिए वाणी।
पाप मुक्त हो जाता प्राणी।
रहमत की आधार सिला ये,
जन-जन की ये कल्याणी।।१

सतियों की है अमर कहानी।
गाथाओं की है भरी रवानी।
विपदाओं को ये दूर हटाकर,
छोड़ी अपनी अलग निशानी।।२

सुख-दुख की विपदाये झेले।

प्राणी बनकर भगवन खेले।
परम विवेकी मानव जीवन,
नीर अजब करिश्मों के ठेले।।३

धर्म के खातिर जीते – मरते।
अंतिम साँसों तक है लड़ते।
देश के खातिर मिट जाने की,
“नीर” नहीं लड़ाई से है डरते।।४

दिये वचन को यूँ नहिं तोड़ो।
अडिग रहे हम नाता जोड़ो।
सतत प्रेरणा अलख जगा के,
ये बीच धार पे यूँ मत छोड़ो।।५

हर योंनि में पुरूष बड़ा है।
संकट के क्षण पर खड़ा है।
हर सारों का भरा खजाना,
ये जानें वही जो इसे पढ़ा है।।६

धर्म अधर्म की परिभाषा है।
यही अंतर्मन अभिलाषा है।
मित्रों का क्या फर्ज है होता,
नीर ये निर्देशों की पासा है।।७

इसमें थे भरे अनेकों नायक।
सफल प्रेरणा के हक दायक।
कोई नीत से कार्य किये तो,
कोई स्वयं के थे निर्णायक।।८

माया,कपट,अनीति माहिर।
ऐसे कितनें थे जग जाहिर।
समय का पहिया रूके नहीं,
सबको कर देता वह हाजिर।।९

#नवीन कुमार भट्ट

परिचय :

पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट
उपनाम- “नीर”
वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही
जिला-उमरिया
राज्य- मध्यप्रदेश 
विधा-हिंदी

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हम मिले दर्द को छिपा कर के

Fri Apr 26 , 2019
हम मिले दर्द को छिपा कर के क्या मिला उनसे यूँ वफ़ा करके याद करते है वो भुला कर के फिर बुलाते है वो दुआ कर के पल दो पल की इस ज़िन्दगी में तुम जीत लो दिल यूँ मुस्कुरा कर के हाथ को हाथ में ले कर देखो कर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।