(इंदौर की दर्दनाक दुर्घटना पर अश्रुपूर्ण श्रद्धाजंलि) आँधी छलती है रोज़ हवा को, मृत्यु छल करती है जीवन से… हमने भी छल किया है खुद से, आज दूर किया जो मासूमों को… ढोंग पीटती ये सब विरह वेदना, छिप जाती है अव्यवस्थाओं में… अजगर की भांति वन में रेंगना, तंत्र […]