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बहुत सालों बाद धनाढय घर की बहू मीरा उम्मीद से है,घर में खुशियों का माहौल है। सब उसे कई सलाहें-बेटा ऐसा मत करना, ऐसा खाओगी तो आने वाला बच्चा गोरा होगा,स्वस्थ होगा और न जाने क्या क्या…दे रहे हैं। मीरा के साथ ही मोहल्ले में झाड़ू निकालने वाली कला भी […]

जिस तरह नशा, शराब में नहीं.. अपने-आप में होता है, ठीक उसी तरह मजा किसी वस्तु; स्थिति या परिस्थिति में नहीं,अपने-आप में होता है। जिन्दगी का मजा लेना भी, एक फन,एक हुनर अदाकारी, कलाकारी है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है। उत्सव का आनन्द, मौसम की मस्ती.. […]

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पता नहीं क्यों, हर अच्छे कार्य और दिवस की शुरुआत आंदोलन से ही हुई है, चाहे वो महिला दिवस हो या आज उपभोक्ता दिवस| सबसे पहले उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत अमेरिका के रल्प नाडेर के नेतृत्व में हुई और तब १८६२ को अमेरिकी कांग्रेस में जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता […]

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आईने पर यक़ीन रखते हैं , वो जो चेहरा हसीन रखते हैं| आंख में अर्श की बुलन्दी है , दिल में लेकिन ज़मीन रखते हैं| दीन-दुखियों का है खुदा तब तो , आओ हम खुद को दीन रखते हैं| जिनके दम पर है आपकी रौनक  , उनको फिर क्यों मलिन […]

घुटन के साथ तमन्नाओं का जैसे मचलना है, एक जुगनू का घोर अंधरों में जैसे चमकना है। एक लकीर-सी खिंची है जो क्षितिज में, अब उड़कर उसको भी पार करना है। अपने ही द्वन्द में पछाड़ खाते हैं बार- बार, लगता है लिखा अपने हाथों ही मारना है। एक बहरुपिया […]

नकली समर्थकों ने भी पाला बदल लिया, कट्टे-छुरी को छोड़ के माला बदल लिया। कल तक समाजवाद सर्वजन के थे वकील, चाबी गई जो हाथ से ताला बदल लिया। #आशुकवि नीरज अवस्थी परिचय : आशुकवि नीरज अवस्थी का जन्म 1970 में हुआ है।परास्नातक (राजनीति शास्त्र)और तकनीकी शिक्षा (आईटीआई- इलेक्ट्रीशियन) हासिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।