गणना करके काल की करते भाग्य उदय।
देते चुनौती काल को नहीं किसी का भय।
भरतवंशी हम कहलाते करते पुण्य प्रताप।
पल-पल खुशियों से भर देते नहीं, कोई सन्ताप।
त्याग-तप और प्रेम का दिया हमने सन्देश।
हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता देते परोपकार उपदेश।
पशु-पक्षी तक पूजित जहाँ,रहता भाव मर्म।
पेड़-पौधों में भी देव वास है कहता हिन्दू धर्म।
सृष्टि तक का किया आकलन ग्रह-नक्षत्र भाषा में।
नदियों में भी पाप प्रक्षालन,पुण्य प्राप्ति अभिलाषा में।
नव संवत्सर पर खुशियां मनाओ, खाओ गुड़-धनिया-मिठाई।
#प्रो.(डॉ.) श्यामसुन्दर पलोड़
परिचय : प्रो.(डॉ.) श्याम सुन्दर पलोड़ पेशे से प्राध्यापक हैं। आप इंदौर में संस्कार कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में विभागाध्यक्ष एवं प्रशासक का कार्य देख रहे हैं। राष्ट्रीय कवि एवं प्रसिद्ध मंच संचालक होने के साथ ही
पूर्व में उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत एवं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेशचंद्र लाहोटी द्वारा मंच संचालन के क्षेत्र में सम्मानित हुए हैं।राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजेता वक्ता रहे हैं। समाचार पत्रों में स्तम्भकार के रुप में लेखन में सक्रिय है। टीवी चैनल पर भी आपके कई कार्यक्रमों का प्रसारण हो चुका है।