‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ मन के भाव, जब डालें प्रभाव.. सरिता हो जाए रस,छ्न्द,अलंकार से, सज्जित कविता हो जाए। सुर ताल से भरकर, जब बोल गुनगुनाए.. मधुर संगीत युक्त, प्रिय गीत बन जाए.. मन मीत बन जाए …।                         […]

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‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ लफ्जों को ढालना, कविता नहीं होती.. दिल तक उतर सके, कविता उसे कहें। पीड़ाओं की गणित, शिकवों के पुलिंदे.. शब्दों में बाँधकर, कविता नहीं होती। पीड़ा जो सोख ले, शिकवे समोह ले.. जस्बों को साध ले, कविता उसे कहें। उलाहना दे जो, अतृप्त जो रहे.. हर्फों […]

‘अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस विशेष’ अंतर्मन की, अभिव्यक्ति है मनोभावों की, सार्थक नियति है कविता। हर्ष विषाद, सबको उकेरे कविता.. हर लम्हे, को जीवंत करे कविता। कभी, अलंकारों से श्रंगारित कविता.. कभी, सादगी से सहज उपजती कविता। मौन, को मुखरित करती कविता.. शब्दों, को लय में पिरोती कविता। इंद्रधनुषी, रंगों का सृजन […]

जिससे मन की, नित मृत्यु हो.. उसको दें एक नया नाम। सारे अर्थों का एक साथ, मिल कर खोजें एक नया नाम।। जब भी सम्बन्धों से उठे ऊब , परतों से पर्त सरकती हो.. उखड़ी-उखड़ी सी, साँसों में , जीने की आस धड़कती हो। आओ, उन सबको एक साथ.. मिल […]

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क्या हो गया है मुझको, लौट आया है बचपन.. सठियाई तो नहीं पर, बरस बीते पचपन| साठ के दरमियाँ , दस और आठ की नादानियाँ.. याद आ रही है, गुदगुदा रही हैं | वे बेर और इमली याद आ रही है, खटटू और कैरी जिव्हा पे छा रही है.. वो […]

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अटल सौभाग्य चाहने के लिए आदिकाल से महिलाएं भगवान शंकर और पार्वतीजी की सच्चे मन से पूजा-अर्चना कर खीर-पूड़ी,दाल-भात का भोग लगाकर उनसे जीवन दाम्पत्य जीवन एवं परिवार की सुख समृद्धि,वंशवृद्धि का वरदान मांगती हैं। गणगौर पर्व के शुभारंभ को लेकर भिन्न-भिन्न मान्यताएं सामने आती हैं। कुछ का मानना है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।