इरादों को मजबूत बना लो, जीवन जन्नत बन जाए। पुण्य कमा लो इस दुनिया में, चरित्र उन्नत बन जाए। बुराईयों का हनन कर लो, जीवन नरक न बन पाए। जीवन की फुलवारी फिर से, स्वर्ग जन्नत बन जाए।। […]
वैसे तो अठारहवीं सदी से ही महिलाओं की दीन-हीन दया को लेकर कुछ सुधारवादी लोगों ने चिंता व्यक्त करना शुरु कर दी थी,पर चार लोगों की आवाजे इतने बड़े देश में कौन सुनता है,पर उन्होंने स्त्री मन के किसी कोने में यह आशा जगा दी थी कि, तुम भी इस […]
परिंदों संग हर मस्तियां छोड़ आए गांव में हम कितनी हस्तियां छोड़ आए यूं तो इक घर की दहलीज छोड़ी थी हमने लगता है अब कई बस्तियां छोड़ आए उलझनों की ये शब अब नहीं बिताई जाती आम की छांव तले निंदिया छोड़ आए अब कोई दिल […]
ज़िम्मेदारी नहीं अभी, अपनी बारी नहीं अभी। जैसे-तैसे जीत गए, वैसी पारी नहीं अभी। वक़्त नींद का हुआ भले, पलकें भारी नहीं अभी। अगल-बगल ही प्यादे हैं, मात हमारी नहीं अभी। थोड़ा वक़्त कठिन है बस, पर लाचारी नहीं अभी। #प्रदीप कान्त परिचय : इंदौर में केट कालोनी निवासी […]
जीवन के कोरे कागज पर,कर्मों की गाथा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। शिखर ये सफलता का,कर रहा तेरा आव्हान, विपत्तियों से लड़कर,बन कुशल-दिव्य-ज्योति-नूतन। अब तोड़ अपनी निद्रा को,मन की अभिलाषा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। तू कायर है तो हार […]
शब्द ही शब्द है शब्द ही निशब्द है, शब्द ही सत्य है शब्द ही असत्य है.. शब्द ही आलाप है शब्द ही विलाप है, शब्द ही राग है शब्द ही विराग है.. शब्द ही आत्मा है शब्द ही परमात्मा है, शब्द ही शब्द है शब्द ही निशब्द हैl शब्द ही […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।