जन्मभूमि का मामला, फिर से भरे उफान.. योगी तुम भी देख लो, उबले हिंदुस्तान। उबले हिंदुस्तान, विरोधी को समझाओ.. सीधी अंगुली यार, इसे मत टेढ़ी कराओ। कह सुरेश टूटेगा बबुवा, अगर तनेगा.. राम जहाँ जन्मे, मंदिर तो वहीं बनेगा।।                       […]

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आज भी रोज की तरह सुप्रिया काम कर रही है। बाहर बारिश हो रही है और अब उसके पढ़े-लिखे पति यानी श्री वर्मा की पीएचडी के कारण उम्र निकल जाने से एक निम्न घर की लड़की सुप्रिया(खुद)से विवाह होता है। वो हर रोज सुप्रिया को ताना मारते हैं और खुद […]

विधाता ने पहली बार किसी बेटी को बनाया होगा, मानव निर्माण के लिए धरती पर छोड़ने आया होगा। उस दिन विधाता भी सारी रात नहीं सोया होगा, बेटी की जुदाई में पूरी रात खूब रोया होगा। कई जन्मों के पुण्योदय से बेटी का जन्म होता है, इसीलिए कन्यादान बहुत बड़ा […]

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मेरी प्यारी-प्यारी मां, सब रिश्तों से न्यारी मां। जन्म दिया इसने मुझको, मुझको पाला-पोसा है.. लाख गलतितों पर भी, कभी न दिल से कोसा है। मेरे सुख में हंसे-हंसाय, मेरे दुःख में रोती है.. कठिन मुसीबत में भी, कभी न धीरज खोती है। न तो ऐसी न तो वैसी, पूरी-पूरी […]

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मैंने बोया, एक बीज शब्द का.. मरुस्थल में। वहां लहलहाई शब्दों की खेती, फिर बहने लगी एक नदी.. शब्दों की कविता बनकर उस मरुस्थल में। एक दिन कुछ और नदियाँ, शब्दों की आकर मिली.. उसी मरुस्थल में, और बन गया एक सागर शब्दों का मरुस्थल में। अब मरुस्थल, मरुस्थल नहीं […]

अक्सर न्यूज चैनलों के पर्दे पर दिखाई देता है कि,अपना  रेल विभाग यात्रियों के लिए खास डिजाइन के कोच बनवा रहा है,जिसमें फलां-फलां सुविधाएं होंगी। यह भी बताया जाता है कि,जल्द ही ये कोच यात्रियों की सेवा में जुट जाएंगे,लेकिन हकीकत में तो ऐसे अत्याधुनिक कोचों से कभी सामना  हुआ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।