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अधर हँसीं के पहरे धरकर,दर्द छुपाती सीने में। नहीं शिकायत करती चाहे,हो कठिनाई जीने में। जिस घर लेती जन्म सुता वो,बड़े नसीबों वाले हैं। बेटी के घर आते ही,खुलते किस्मत के ताले हैं। पारसमणि-सी प्यारी बेटी है अनमोल नगीने में। अधर हँसी के पहरे धरकर,दर्द छुपाती सीने में……….l बेटी है […]

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डाल कटी तो बरगद रोया, उतरी छाल न पीपल सोया कटहल जामुन आम अभागे, निम्ब वृक्ष ने धीरज खोयाll   साथ मिला अमरूद डाल का, चली कुल्हाड़ी खट्टम खट गिरीं डालियाँ सब कट-कटll   घहर घहर घहराया कटहल, हहर हहर हहराया पीपल ठूँठ हुई बरगद की छाती, सूना हुआ धरा […]

वामपंथ को आज भारत में शक की निगाहों से देखते हुए इसको सीधा-सीधा उग्रवाद से संबद्ध करते हुए उपद्रवी,बाग़ी और आतंकवादी प्रवृत्तियों के निकट लाकर देखा जा रहा है,लेकिन इस तरह से देखने के दो स्पष्ट कारण दिखाई देते हैं। पहला यह कि परंपरावादी प्रारम्भ से वामपंथ के विरोध में […]

मुझे छोड़ तुम जाओगे, जो आनंद बांहों में मेरे और कहां तुम पाओगे। होगा दिल में चैन नहीं मेरे बिन कोई रैन नहीं, हर जगह तुम प्रियतम बैचेनी ही बस पाओगे। जो आनंद बांहों में मेरे ओर कहां तुम पाओगे। मैं करती उत्साहवर्धन मैं तुम्हारा तन-मन-धन, फिर छोड़क़र मुझको तुम […]

एक बंद पड़े पुराने दराज़ से निकाली है मैंने, अपने सबसे उजले दिनों में लिखी प्रेम की कविताएं..। सबसे खूबसूरत दिनों में तुम्हारे भेजे प्रेम-पत्र, अचानक से इनके साथ ही,मेरे हाथ आ गए… कांच से भी ज्यादा मेरे हाथ में चुभने वाले। तुम्हें भेजे हुए मेरे आखिरी खत के टुकड़े, […]

‘मैं’ हूँ मेरे अस्तित्व में, किसी और के अस्तित्व में नहीं यही मेरी अहमियत है। ‘मैं’ अन्य मानव व पेड़ पौधों व जीव-जन्तुओं की भाँति, स्वयं सांसें लेता हूँ यही मेरी अहमियत है। ‘मैं’ अपनी उत्तरजीविता के लिए नित्य जीवन संघर्ष करता हूँ, यही मेरी अहमियत है। ‘मैं’ मेरे नाम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।