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देखा है तिल-तिल बढ़ते हुए उठते,गिरते फिर चलते हुए.. सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए, मैंने देखा है….. छोटे कद का बड़ा आदमी। संघर्ष की आग में तपते हुए, कुंदन बनकर निखरते हुए.. खुशबू-सा बिखरते हुए, मैंने देखा है………….. छोटे कद का बड़ा आदमी। कष्ट में भी मुस्कुराते हुए, सबको गले […]

यूँ बिना ख्वाब के तुम घर से निकलते क्यूँ हो। पाँव के छालों से डरते हो तो चलते क्यूँ हो॥ अच्छे खासे हो मियां थोड़ी तो मेहनत कर लो। यूँ जवानी में भरी बैठ के ढलते क्यूँ हो॥ धूप में रहना है तो खुद को यूँ पत्थर कर लो। बन […]

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सातारा जिले के कर्ज लेने वाले गरीब किसानों को देखिए,बस इनको आत्महत्या नहीं करनी है। हाँ,इनके कारण असली किसान आत्महत्या जरूर कर रहे,वैसे भी कर्ज एक बार माफ़ किया जाता है, गलती भी एक बार माफ़ की जाती है,दूसरी बार गलती नहीं,अपराध होता है। इसी प्रकार एक बार कर्ज माफ़ […]

1]बस्ता सब  बच्चों पर  भारी है। पढ़ना-लिखना जब लाचारी है। शिक्षा  इक  ऊँचा   मंसूबा  है, इसका  लेकिन  खर्चा भारी है। पूरब पर पश्चिम का रुतबा पर , ये  पीढ़ी  उसकी  आभारी   है । पढ़े  लिखों में  बिसरी  बेगारी, अनपढ़ अनगढ़  सत्ताधारी है। लायक  सारे  नाप   रहे  रस्ते, […]

  मुझको थोड़ा-सा मुस्कराने दो, दर्द के गीत———- मैं भी जिन्दा हूँ अभी महफिल में दिल को थोड़ा-सा बहल जाने दो, दर्द के गीत———-।   इक तस्वीर है ठहरी-ठहरी, मुझको पूरा उसे बनाने दो दर्द के गीत———–।   मैं बेवफा को खुदा कहता हूँ, उसकी यादों में डूब जाने दो […]

सुनेगी क्या कभी दरकार अपनी, हमीं से जो बनी सरकार अपनी। चमन में लौट आई फिर बहारें, बचाकर जान भागे खार अपनी। दिखाई है हमें औकात उसने, करेंगे हद नहीं अब पार अपनी। खिलाएं क्या,भरण कैसे करें अब, जो मारे कीमतें भी मार अपनी। न कोई आरज़ू ही रब से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।